सर डॉन ब्रैडमैन (Sir Don Bradman) भारतीय क्रिकेट की ऐसी शख्सियत हैं जिनके बारे में जितना लिखा जाए, सुना जाए कम हैं. आज हम विश्व क्रिकेट के सूरमा सर डॉन ब्रैडमैन की ही जिंदगी के पन्ने को पलटेंगे... ब्रैडमैन का जन्म 27 अगस्त 1908 को ऑस्ट्रेलिया के Cootamundra में हुआ था. ब्रैडमैन का निधन 25 फरवरी 2001 को ऑस्ट्रेलिया के ही Kensington Park में हुआ था... इन 93 सालों में ब्रैडमैन ने कई चमत्कार किए और आज हम झरोखा में उनके ऐसे ही एक चमत्कार की बात करेंगे...
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आपने एक कहावत तो सुनी ही होगी- रिकॉर्डस बनते ही हैं टूटने के लिए...जैसे-जैसे वक्त का पहिया घूमता है ये कहावत बार-बार खुद को सही साबित भी करती रहती है. क्रिकेट (Cricket) जैसे रोमांचक खेल के साथ भी ऐसा ही है...
इस जेंटलमैन गेम में अक्सर ही रिकॉर्ड्स बनते और टूटते रहते हैं...लेकिन आज हम आपको एक ऐसे रिकॉर्ड के बारे में बताएंगे जिसका टूटना नामुमकिन के बिल्कुल करीब जान पड़ता है...जी हां- टेस्ट मैच में एक ही दिन में तिहरे शतक (Triple Century) का रिकॉर्ड...आज के ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के दौर में भी ये रिकॉर्ड हर सूरमा बल्लेबाज के लिए एक सपना जैसा है...हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इसे बने 92 साल गुजर चुके हैं और इस रिकॉर्ड को बनाया है क्रिकेट में किदवंती बन चुके डॉन ब्रैडमैन ने...
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आज तारीख है 11 जुलाई और इसका संबंध डॉन ब्रैडमैन की उसी ऐतिहासिक पारी से है जो अब तक कल्पनातीत है. वो दिन था 11 जुलाई 1930. एशेज सीरीज का तीसरा मैच लीड्स की पिच पर खेला जा रहा था. ऑस्ट्रेलियाई कप्तान विलियम मॉल्डन वुडफुल (William Maldon Woodfull) ने टॉस जीता और बल्लेबाजी का फैसला किया...लेकिन मैच की 11 वीं गेंद पर ही उनका फैसला गलत साबित हो गया. सलामी बल्लेबाज ऑर्ची जैक्शन (Archie Jackson) सस्ते में आउट हो गए. इसके बाद मैदान पर आया 21 साल का एक युवा बल्लेबाज जो दिन के खत्म होने पर नाबाद 309 रन पीटकर लौटा...
अहम ये है कि इस बल्लेबाज ने इस मैच के पहले कोई प्रैक्टिस भी नहीं की थी लेकिन टीम को उस पर पूरा भरोसा था. ये बल्लेबाज कोई और नहीं बल्कि सर डॉन ब्रैडमैन थे. कहा जाता है कि जब ब्रैडमैन बल्लेबाजी करने उतरते थे तो ज्यादातर गेंद बाऊंड्री के पार ही नजर आती थी. तेज गेंदबाजों के खिलाफ उसकी कलाई ऐसे घूमती मानों उनपर मक्खन लगा है और गेंद खुद-ब-खुद बाउंड्री का रास्ता ढूंढ रही है.
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बहरहाल, यहां हम जिस पारी की बात कर रहे हैं उसमें दुनिया ने पहली सर ब्रैडमैन का विस्फोटक अंदाज देखा. उन्होंने ने लंच तक 105 रन, चाय तक 220 रन और शाम को खेल खत्म होने पर 309 रन कूट दिए. ब्रैडमैन टेस्ट मैच के पहले दिन ही लंच से पहले शतक बनाने वाले पहले बल्लेबाज भी बन गए. जब उन्होंने अपनी पारी के 200 रन पूरे किए तो पिच पर उन्होंने 214 मिनट ही गुजारे थे. क्रिकेट की किताबों में उस मैच के बारे में खूब लिखा गया है.
डॉन ने अपनी इस पारी में बल्ले से पहला गलत स्ट्रोक 141 रन पर खेला, जब उन्होंने गेंद को मिड-ऑन की ओर खेला मगर गेंद सुरक्षित रूप से जमीन पर गिर गई. चाय तक उन्होंने दोहरा शतक जड़ दिया था. छह बजे से ठीक पहले 273 पर डॉन ने इंग्लैंड के खिलाड़ियों को खुद को आउट करने का एक वास्तविक मौका दिया. विकेटकीपर जॉर्ज डकवर्थ ने जॉर्ज गीरी की गेंद पर एक मुश्किल कैच पकड़ा, लेकिन गेंद जमीन को छू गई, डॉन मुस्कुराए और डकवर्थ गुस्से में उन्हें देखते रह गए.
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दिन के अंत तक, ब्रैडमैन 309 रन पर नाबाद थे और एंग्लो-ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट में पहला तिहरा शतक जमाने के दौरान उन्होंने रेगी फोस्टर के 287 रन के रिकॉर्ड को तोड़ा. ब्रैडमैन ने अपनी पारी में स्क्वायर कट, लेग में हूक और हिट ऑन ड्राइव जैसे शानदार शॉट खेले थे. उन्होंने अपनी पहले दिन की पारी में 42 चौके लगाए थे और पूरे दिन में सिर्फ तीन बार गेंद को हवा में खेला था.
क्रिकेट पंडित कहते हैं कि यह वास्तव में उस दौर से लेकर अबतक की शानदार पारियों में एक है. ऐसा कहा जाता है कि एक दिन में 300 रन की मैराथन पारी खेल कर भी ब्रैडमैन एकदम ताजे मिजाज के साथ मैदान से लौटे थे, लेकिन मैदान में खड़े अंपायर और मौजूद दर्शक सबके सब बेहद ही थके थे. इस दौरान अगर किसी शख्स की सबसे ज्यादा हालत खराब थी, वह था स्कोरर जिसने उस दिन पहले शायद ही इतनी तेजी स्कोरबोर्ड बदला होगा. अगले दिन ब्रैडमैन 334 के स्कोर पर आउट हो गए.
चलते-चलते आज की तारीख की दूसरी अहम घटनाओं पर भी निगाह डाल लेते हैं
1977- मार्टिन लूथर किंग जूनियर (Martin Luther King Junior) को मेडल ऑफ फ्रीडम (Medal of Freedom) से सम्मानित किया गया.
1979- अमेरिकी अंतरिक्ष प्रयोगशाला स्काई लैब (Skylab) धरती पर गिरी. यह हिंद महासागर और पश्चिम ऑस्ट्रेलिया में गिरी.
2006- मुंम्बई की लोकल रेलगाड़ियों में सिलसिलेवार बम धमाके (Mumbai Local Train Bomb Blast).
2008 - एप्पल ने आईफोन 3जी (Apple iPhone 3G) लॉन्च किया.
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