हाइलाइट्स

  • पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था देश का ध्वज
  • 5 सालों की कोशिश के बाद तैयार हुआ ध्वज
  • 1931 कराची कांग्रेस बैठक में पेश किया गया ध्वज

लेटेस्ट खबर

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में दर्दनाक हादसा! कुएं में जहरीली गैस के रिसाव से पांच लोगों की मौत

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में दर्दनाक हादसा! कुएं में जहरीली गैस के रिसाव से पांच लोगों की मौत

Arvind Kejriwal Arrest: CM केजरीवाल के मामले में दिल्ली HC का CBI को नोटिस, कब होगी अगली सुनवाई?

Arvind Kejriwal Arrest: CM केजरीवाल के मामले में दिल्ली HC का CBI को नोटिस, कब होगी अगली सुनवाई?

Noida के Logix Mall में आग लगने की वजह से मची चीख-पुकार, देखें हाहाकारी VIDEO

Noida के Logix Mall में आग लगने की वजह से मची चीख-पुकार, देखें हाहाकारी VIDEO

Justin Bieber का मुंबई में हुआ जोरदार स्वागत, अनंत-राधिका के संगीत में परफॉर्म करेंगे सिंगर

Justin Bieber का मुंबई में हुआ जोरदार स्वागत, अनंत-राधिका के संगीत में परफॉर्म करेंगे सिंगर

Alpha: यशराज फिल्म्स ने आलिया भट्ट का स्पाई यूनिवर्स 'अल्फा' में किया स्वागत, देखिए धमाकेदार Video

Alpha: यशराज फिल्म्स ने आलिया भट्ट का स्पाई यूनिवर्स 'अल्फा' में किया स्वागत, देखिए धमाकेदार Video

क्या जसप्रीत बुमराह भी लेंगे टी-20 इंटरनेशनल से संन्यास? तेज गेंदबाज ने खुद कर दिया क्लियर

क्या जसप्रीत बुमराह भी लेंगे टी-20 इंटरनेशनल से संन्यास? तेज गेंदबाज ने खुद कर दिया क्लियर

Paris 2024 Olympics: PM मोदी ने खिलाड़ियों से की बात, दिया ये खास मंत्र

Paris 2024 Olympics: PM मोदी ने खिलाड़ियों से की बात, दिया ये खास मंत्र

Petrol Diesel Rates on July 05, 2024: पेट्रोल-डीजल की नई कीमतें हुईं अपडेट, चेक करें

Petrol Diesel Rates on July 05, 2024: पेट्रोल-डीजल की नई कीमतें हुईं अपडेट, चेक करें

History of Indian Tricolor: तिरंगे से क्यों गायब हुआ चरखा? जानें भारत के झंडे के बनने की कहानी

22 जुलाई 1947 को भारत में तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के तौर पर अपनाया गया था. सेना में काम कर चुके पिंगली वेंकैया ने इस ध्वज का डिजाइन तैयार किया था. आइए जानते हैं तिरंगे के बनने की कहानी को...

History of Indian Tricolor: तिरंगे से क्यों गायब हुआ चरखा? जानें भारत के झंडे के बनने की कहानी

History Of Indian Tricolor : देश को आजाद होने में 24 दिन बाकी थे... इससे पहले 22 जुलाई वह तारीख बनी, जब संविधान सभा (Constituent Assembly) ने तिरंगे को देश के राष्ट्रीय ध्वज के तौर पर अपनाया था... ध्वज में तीन रंग के होने की वजह से इसे तिरंगा भी कहते हैं.

ये भी देखें- श्रीलंका से थी दुनिया की पहली महिला PM, ऐसा था Sirimavo Bandaranaike का दौर!

राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था. सेना में काम कर चुके पिंगली वेंकैया (Pingali Venkayya) को महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) ने तिरंगे को डिजाइन करने की जिम्मेदारी सौंपी थी... आज झरोखा में बात होगी भारत के राष्ट्रीय ध्वज की कहानी पर...

पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था देश का ध्वज

पिंगली वेंकैया ही वह शख्स थे जिन्होंने अपनी कल्पना को ध्वज पर उतारा और तिरंगे को भारत की पहचान बना डाला... भारत के राष्ट्रीय ध्वज पर सबसे ऊपर केसरिया रंग की क्षैतिज पट्टी होती है, बीचे में सफेद और सबसे नीचे हरे रंग की पट्टी होती है... तीनों रंगों को बराबर अनुपात में बांटा गया है... ध्वज की चौड़ाई और लंबाई का अनुपात 2:3 है. सफेद पट्टी के बीच में एक नीले रंग का च्रक है और इसमें 24 तिल्लियां हैं... इस प्रतीक को सारनाथ स्थित अशोक स्तंभ (Sarnath Ashoka Stambh) से लिया गया है...

5 सालों की कोशिश के बाद तैयार हुआ ध्वज

ब्रिटिश इंडियन आर्मी (British Indian Army) में नौकरी कर रहे पिंगली वेंकैया की गांधी जी से मुलाकात दक्षिण अफ्रीका में हुई थी. इस दौरान वेंकैया ने अपने अलग राष्ट्रध्वज होने की बात कही जो गांधीजी को भी पसंद आई. महात्मा गांधी से भेंट होने पर बापू की विचारधारा का उन पर काफी प्रभाव पड़ा.

ये भी देखें- NASA Apollo-11 Program: एक पेन ने बचाई थी Neil Armstrong की जान! 1969 का अनसुना किस्सा

वहीं बापू ने उन्हें राष्ट्रध्वज डिजाइन करने का काम सौंपा दिया, जिसके चलते वह स्वदेश लौट आए और इस पर काम शुरू कर दिया. पिंगली वेंकैया ने लगभग 5 सालों के गहन अध्ययन के बाद तिरंगे का डिजाइन तैयार किया था. इसमें उनका सहयोग एस.बी.बोमान और उमर सोमानी ने दिया और उन्होंने मिलकर नैशनल फ्लैग मिशन (National Flag Mission) का गठन किया...

1931 कराची कांग्रेस बैठक में पेश किया गया ध्वज

झंडा डिजाइन करते वक्त पिंगली वेंकैया ने गांधी जी से सलाह ली थी. उन्होंने ध्वज के बीच में अशोक चक्र रखने की सलाह दी जो पूरे राष्ट्र की एकता का प्रतीक है. पिंगली वेंकैया ने पहले हरे और लाल रंग के इस्तेमाल से झंडा तैयार किया था, मगर गांधीजी को इसमें संपूर्ण राष्ट्र की एकता की झलक नहीं दिखाई दी और फिर ध्वज में रंग को लेकर काफी विचार-विमर्श होने शुरू हो गए... अंततः साल 1931 में कराची कांग्रेस कमिटी (Karachi Congress Committee) की बैठक में उन्होंने ऐसा ध्वज पेश किया जिसमें बीच में अशोक चक्र के साथ केसरिया, सफेद और हरे रंग का इस्तेमाल किया गया...

ये भी देखें- Bank Nationalization in India: इंदिरा ने एक झटके में क्यों बदली थी बैंकों की तकदीर?

लेकिन तिरंगे की कहानी इतनी ही नहीं है...

गुलाम भारत का एक कड़वा सच ये भी है कि तब देश का कोई ऐसा ध्वज नहीं था, जो भारत का प्रतिनिधित्व कर सके. अलग अलग राजवंशों, योद्धाओं के तो ध्वज थे लेकिन देश का नहीं था... बंगाल विभाजन (Partition of Bengal) के वक्त राष्ट्रीय ध्वज की जरूरत महसूस की गई. बंगाल विभाजन को राष्ट्रीय शोक माना गया था..

भगिनी निवेदिता ने बनाया था पहला ध्वज

साल 1904 में स्वामी विवेकानंद की शिष्या भगिनी निवेदिता ने देश का पहला ध्वज बनाया था. यह ध्वज 7 अगस्त 1906 में पारसी बागान, ग्रीन पार्क कलकत्ता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) के अधिवेशन में फहराया गया था... तब इस ध्वज में लाल, पीले और हरे रंग की क्षैतिज पट्टियां बनी थी और ऊपर की ओर हरी पट्टी में 8 कमल बने थे. और लाल पट्टी में सूरज और चांद बनाए गए थे. बीच वाली काली पट्टी में वंदे मातरम लिखा गया था.

1907 में ध्वज को सचींद्र प्रसाद बोस ने डिजाइन किया

1907 में ध्वज में बदलाव किया गया. डिजाइन तैयार किया था सचींद्र प्रसाद बोस (Sachindra Prasad Bose) ने. जब विभाजन रद्द हो गया तब लोग ध्वज के बारे में भी भूल गए. जर्मनी में दूसरे इंटरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेस को अटैंड करने वाली मैडम भीकाजी रुस्तम कामा (Bhikaji Rustom Cama) ने ब्रिटिशर्स के साथ राजनीतिक लड़ाई पर भाषण दिया और वहीं पर ये ध्वज फहराया.

ये भी देखें- US मूवी देखने पर सजा-ए-मौत, परिवार भोगता है दंड! ऐसा है Kim Jong-un का North Korea

यह ध्वज पहले की तरह ही था सिवाय इसके कि इसमें ऊपर की पट्टी में केवल एक कमल चित्रित था, लेकिन इसमें चित्रित सात तारें सप्तऋषियों को दर्शाते थे.

ध्वज में तीसरा बदलाव 1917 में हुआ

1917 में ध्वज में फिर बदलाव हुआ. इस बार ध्वज को हेम चंद्र दास ने बनाया था. होम रूल मूवमेंट के दौरान बाल गंगाधर तिलक और ऐनी बेसेंट ने इसे फहराया था.

तब इस ध्वज में 5 लाल और 4 हरी क्षैतिज पट्टियां एक के बाद एक और सप्तऋषियों के अभिविन्यास के 7 सितारे बने थे. ऊपरी किनारे पर बाईं ओर ध्वज दंड की ओर यूनियन जैक था. एक कोने में सफेद अर्धचंद्र और सितारा भी था.

ध्वज में चौथा बदलाव 1921 में हुआ

1921 में गांधी जी ने पिंगले वेंकैया से राष्ट्रीय ध्वज डिजाइन करने को कहा. 1924 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन बेलगांव, विजयवाड़ा-आंध्र प्रदेश में इसी ध्वज को फहराया गया था..

यह ध्वज दो रंगों में बना था, लाल और हरा, जो भारत के दो प्रमुख दो समुदाय क्रमशः हिंदू और मुस्लिम का प्रतिनिधित्व करता था. गांधी जी ने यह सुझाव दिया था कि भारत के दूसरे समुदायों का प्रतिनिधित्व करने के लिए इसमें एक सफेद पट्टी और राष्ट्र को प्रगति का संकेत देने के लिए चलता हुआ चरखा होना चाहिए.

ये भी देखें- पाकिस्तान ने भारतीय ब्रिगेडियर उस्मान के सिर पर क्यों रखा था 50 हजार का इनाम?

इसके बाद 1931 फिर वो तारीख आई जब कांग्रेस के कराची अधिवेशन में 'राष्ट्र ध्वज' तिरंगे को अपनाए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया. इस अधिवेशन की अध्यक्षता सरदार वल्लभभाई पटेल ने की थी. यही राष्ट्र ध्वज, वर्तमान राष्ट्रीय ध्वज का पूर्वज है. ये केसरिया, सफेद और मध्य में गांधी के चलते हुए चरखे के साथ था...इसी समय ये भी घोषित किया गया कि इसका कोई सांप्रदायिक महत्व नहीं है. गांधी जी ने इसे पसंद किया क्योंकि यह आत्मनिर्भरता, प्रगति और आम आदमी का प्रतिनिधित्व करता था. इसे स्वराज ध्वज, गांधी ध्वज और चरखा ध्वज भी कहा जाता था. 1931 में अपनाया गया ध्वज भारतीय राष्ट्रीय सेना का युद्ध-चिह्न भी था.

इसके बाद आई 22 जुलाई 1947 की तारीख

भारत के लिए बड़ा दिन तब आया जब लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत को स्वतंत्र करने के फैसले का ऐलान किया. सभी दलों को स्वीकार्य ध्वज की आवश्यकता महसूस हुई और स्वतंत्र भारत के लिए ध्वज को डिजाइन करने के लिए डॉ राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में एक ध्वज समिति का गठन किया गया. गांधीजी की सहमति ली गई और पिंगले वेंकैया के झंडे को संशोधित करने का फैसला लिया गया. चरखे के स्थान पर सारनाथ स्तम्भ का चक्र इसमें जोड़ा गया. 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने वर्तमान राष्ट्रीय ध्वज को भारतीय गणतंत्र के राष्ट्रीय ध्वज के तौर पर अपनाया था... संविधान सभा की मान्यता के बाद इस राष्ट्रीय ध्वज के रंगों का अभिविन्यास वही रहा सिर्फ ध्वज में मध्य में सफेद पट्टी में चरखे की जगह भारत के महान सम्राट अशोक के धर्म चक्र को स्थान दिया गया.

राष्ट्रीय ध्वज संहिता में 26 जनवरी 2002 को संशोधन किया गया और आजादी के कई सालों बाद भारत के नागरिकों को घरों, दफ्तरों और कारखानों या अपने संस्थानों में न केवल राष्ट्रीय दिवसों पर, बल्कि किसी भी दिन 1947 के 22 जुलाई से राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति मिल गई. अब भारतीय नागरिक अपने राष्ट्रीय ध्वज को कहीं भी और किसी भी समय फहरा सकते हैं. बशर्ते वे ध्वज संहिता का कड़ाई से पालन करें और तिरंगे की गरिमा एवं सम्मान में कोई कमी न आने दें.

चलते चलते आज की दूसरी घटनाओं पर भी एक नजर डाल लेते हैं

1916 – सैन फ्रांसिस्को में, एक परेड के दौरान मार्केट स्ट्रीट पर एक बम विस्फोट हुआ जिसमे दस की मौत और 40 घायल हो गए थे.

1923 – मशहूर गायक मुकेश (Singer Mukesh Birthday) का जन्म हुआ था.

2003 - इराक में हवाई हमले में तानाशाह सद्दाम हुसैन के दो बेटे (Saddam Hussein Son Killed) मारे गए थे

ADVERTISEMENT

अप नेक्स्ट

History of Indian Tricolor: तिरंगे से क्यों गायब हुआ चरखा? जानें भारत के झंडे के बनने की कहानी

History of Indian Tricolor: तिरंगे से क्यों गायब हुआ चरखा? जानें भारत के झंडे के बनने की कहानी

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में दर्दनाक हादसा! कुएं में जहरीली गैस के रिसाव से पांच लोगों की मौत

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में दर्दनाक हादसा! कुएं में जहरीली गैस के रिसाव से पांच लोगों की मौत

Arvind Kejriwal Arrest: CM केजरीवाल के मामले में दिल्ली HC का CBI को नोटिस, कब होगी अगली सुनवाई?

Arvind Kejriwal Arrest: CM केजरीवाल के मामले में दिल्ली HC का CBI को नोटिस, कब होगी अगली सुनवाई?

Noida के Logix Mall में आग लगने की वजह से मची चीख-पुकार, देखें हाहाकारी VIDEO

Noida के Logix Mall में आग लगने की वजह से मची चीख-पुकार, देखें हाहाकारी VIDEO

Paris 2024 Olympics: PM मोदी ने खिलाड़ियों से की बात, दिया ये खास मंत्र

Paris 2024 Olympics: PM मोदी ने खिलाड़ियों से की बात, दिया ये खास मंत्र

Amritpal Singh: अमृतपाल सिंह को शपथ ग्रहण के लिए दिल्ली ले जाया जाएगा, कैसी है पंजाब पुलिस की तैयारी?

Amritpal Singh: अमृतपाल सिंह को शपथ ग्रहण के लिए दिल्ली ले जाया जाएगा, कैसी है पंजाब पुलिस की तैयारी?

ADVERTISEMENT

editorji-whatsApp

और वीडियो

Rahul Gandhi in Hathras: 'प्रशासन की कमी तो है और गलतियां हुई हैं...' पीड़ित परिवारों से मिलकर बोले राहुल

Rahul Gandhi in Hathras: 'प्रशासन की कमी तो है और गलतियां हुई हैं...' पीड़ित परिवारों से मिलकर बोले राहुल

Haryana: हरियाणा सरकार ने क्यों किया 12 IAS अधिकारियों का ट्रांसफर? जानें किसे नियुक्त किया गृह सचिव 

Haryana: हरियाणा सरकार ने क्यों किया 12 IAS अधिकारियों का ट्रांसफर? जानें किसे नियुक्त किया गृह सचिव 

Rahul Gandhi: राहुल गांधी ने हाथरस पीड़ितों से की मुलाकात, दुख-दर्द बांटते दिखे लोगों का Video सामने आया

Rahul Gandhi: राहुल गांधी ने हाथरस पीड़ितों से की मुलाकात, दुख-दर्द बांटते दिखे लोगों का Video सामने आया

Victory Parade: टीम इंडिया की विक्ट्री परेड के दौरान कई फैंस घायल! ये मंजर आपको हिलाकर रख देगा, Video

Victory Parade: टीम इंडिया की विक्ट्री परेड के दौरान कई फैंस घायल! ये मंजर आपको हिलाकर रख देगा, Video

Delhi: उफनती नहर में बहे दिल्ली के दो कांवड़िया, जारी है तलाश लेकिन हैरान कर देगा Video

Delhi: उफनती नहर में बहे दिल्ली के दो कांवड़िया, जारी है तलाश लेकिन हैरान कर देगा Video

Assam Flood: असम की बाढ़ की इंसानों और जानवरों पर मार! 21 लाख लोग प्रभावित, मृतकों का आंकड़ा बढा

Assam Flood: असम की बाढ़ की इंसानों और जानवरों पर मार! 21 लाख लोग प्रभावित, मृतकों का आंकड़ा बढा

Hathras Stampede: नेता विपक्ष Rahul Gandhi हाथरस के लिए रवाना, भगदड़ प्रभावितों से करेंगे मुलाकात

Hathras Stampede: नेता विपक्ष Rahul Gandhi हाथरस के लिए रवाना, भगदड़ प्रभावितों से करेंगे मुलाकात

Agnipath योजना को लेकर ‘श्वेत पत्र’ लाए सरकार: कांग्रेस

Agnipath योजना को लेकर ‘श्वेत पत्र’ लाए सरकार: कांग्रेस

Rain Alert: कई राज्यों में भारी बारिश की WARNING, देखें मौसम विभाग का बड़ा अलर्ट

Rain Alert: कई राज्यों में भारी बारिश की WARNING, देखें मौसम विभाग का बड़ा अलर्ट

Himachal Pradesh में कई स्थानों पर भारी बारिश, 85 सड़कें बंद

Himachal Pradesh में कई स्थानों पर भारी बारिश, 85 सड़कें बंद

Editorji Technologies Pvt. Ltd. © 2022 All Rights Reserved.