The World's First ATM : 2 सितंबर वह तारीख है जिसने दुनिया के बैंकिंग क्षेत्र में क्रांति ला दी थी. 2 सितंबर 1969 को ही एटीएम पहली बार दुनिया के सामने पेश किया गया था. Automated Teller Machine (ATM) को पहली बार संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की वित्तीय राजधानी न्यूयॉर्क (Who invented ATM) में आम जनता के लिए पेश किया गया था. एटीएम मशीन की स्थापना सबसे पहले केमिकल बैंक (Chemical Bank) ने न्यूयॉर्क में की थी. बैंक ने इस मशीन को लॉन्च करने से पहले इसका विज्ञापन दिया था, 'हमारा बैंक 2 सितंबर को सुबह 9:00 बजे से खुलेगा और कभी बंद नहीं होगा'.
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केमिकल बैंक के विज्ञापन ने खींचा था दुनिया का ध्यान
20 जुलाई 1969 को पहली बार नील आर्मस्ट्रांग (Neil Armstrong) ने चांद की सतह पर कदम रखा तो पूरी दुनिया चौंक गई थी...इसके ठीक छह हफ्ते बाद एक बार फिर अमेरिका ने पूरी दुनिया को चौंका दिया. दरअसल, न्यूयॉर्क के अखबार में लोगों ने एक विज्ञापन देखा- लिखा था- 2 सितंबर को हमारा बैंक सुबह 9 बजे खुलेगा और कभी बंद नहीं होगा.
केमिकल बैंक के इस विज्ञापन को देख लोग चौंक गए...वे सोचने लगे क्या अब केमिकल बैंक 24 घंटे और सातों दिन खुलेगा ? लेकिन बात ये नहीं थी. दरअसल, केमिकल बैंक ने दुनिया के पहले ATM की शुरुआत की थी और ये उसी ATM का विज्ञापन था.
2 सितंबर 1969 को पहली बार ATM को पेश किया गया
आज की तारीख का संबंध है ATM यानी Automated Teller Machine से. केमिकल बैंक ने जिस दिन ये विज्ञापन दिया था उस दिन तारीख थी- 2 सितंबर 1969. यही वो दिन था जब हमारे-आपके के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुके ATM को पहली बार अमेरिकी लोगों ने देखा. आज बात होगी उसी ATM के इतिहास की...इसका हमारे देश भारत से भी अहम कनेक्शन है.
वैसे तो आज हम कैशलेस सिस्टम की ओर बढ़ रहे हैं लेकिन ATM की अहमियत किसी से छुपी नहीं है. एक तो बैंक जाने और वहां खड़े रहने के झंझट से छुटकारा और दूसरे रात हो या दिन जब चाहें कैश निकालने की सुविधा. मतलब ATM ने हमारे जीवन को आसान बना दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं ATM की शुरुआत कैसे हुई और कब और कहां इसे पहली बार लगाया गया ?
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पहला ATM किसने बनाया, इस पर विवाद है...ये बात पिछली सदी के 60 और 70 दशक की है. दुनिया के अलग-अलग देशों में कई लोग ATM पर काम कर रहे थे. इस वजह से ATM के आविष्कारक को लेकर भी अलग-अलग दावे किए जाते हैं. हालांकि एक किस्सा मशहूर है जिस पर ज्यादातर लोग भरोसा करते हैं.
जॉन शेफर्ड बेरन ने किया था ATM का आविष्कार
दुनिया ने जब पहली बार ATM जैसी मशीन देखी तो वो साल था 1967. लंदन में रहने वाले जॉन शेफर्ड बेरन (John Shepherd-Barron) जब एक दिन कैश निकालने के लिए बैंक गए तो संयोगवश घंटों लाइन में लगने के बाद भी उन्हें कैश नहीं मिला. वे झुंझला गए.
बैरन ने सोचा जब कोई मशीन कॉफी दे सकती है तो पैसे क्यों नहीं. यहीं से उन्हें ATM मशीन का आइडिया आया. जिसके बाद वो अपने सपने को हकीकत की जमीं पर उतराने की मेहनत में जुट गए. दो साल बाद बैरन को एक मशीन का आविष्कार करने में सफलता मिली जो पैसे उगलती थी. वो तारीख थी 2 जून 1967. इस मशीन से पैसे निकालने के लिए कार्ड की जगह चेक का इस्तेमाल करना पड़ता था.
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चेक पर एक रेडियोएक्टिव पदार्थ लगा होता था जिसे मशीन का स्कैनर रीड कर लेता था. चेक के साथ ही मशीन में 6 अंकों का पिन एंटर करना होता था. सबकुछ ठीक चल रहा था लेकिन शेफर्ड के सामने उनकी पत्नी ने ही मुश्किल खड़ी कर दी. उनकी पत्नी को 6 अंकों का पिन याद रखने में परेशानी आ रही थी. जिसके बाद शेफर्ड ने ATM का पिन 6 की जगह 4 अंकों का कर दिया. यहां आपके लिए एक TRIVIA भी है.
भारत के शिलॉन्ग में जन्मे थे जॉन शेफर्ड बेरन
जिन जॉन शेफर्ड बेरन को ATM का आविष्कारक माना जाता है उनका भारत से गहरा रिश्ता रहा है. दरअसल बेरन का जन्म साल 1925 में मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग डॉ. एच. गॉर्डन रॉबर्ट्स हॉस्पिटल (Dr. H. Gordon Roberts Hospital Shillong) में हुआ था.
बेरन के पिता विलफ्रिड बैरन (Wilfred Shepherd-Barron) चिटगांव पोर्ट कमिश्नर्स के चीफ इंजीनियर्स थे. दिलचस्प ये है कि जिस अस्पताल में बेरन का जन्म हुआ वहां साल 2021 में एसबीआई ने पहली बार एटीएम मशीन लगाया. वैसे भारत में साल 1987 में पहला ATM मशीन लगा था. इसे मुंबई में एचएसबीसी बैंक की शाखा ने लगाया था. भारत में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पास ATM का सबसे बड़ा नेटवर्क है. जनवरी 2022 तक देशभर में करीब 255 हजार एटीएम एक्टिव हैं. जनवरी 2022 तक भारत में 940 मिलियन से अधिक सक्रिय डेबिट कार्ड हैं.
डॉक्यूटेल ने किया ATM के 70% बाजार पर कब्जा
अब हम उस वाक्ये की भी बात कर लेते हैं जहां से हमने शुरुआत की थी. 2 सितंबर 1969 को जब अमेरिकी के केमिकल बैंक ने पहली बार व्यवसायिक तौर पर ATM का इस्तेमाल किया तो वो काफी पापुलर हुआ. केमिकल बैंक का ये ATM इतना सफल हुआ कि इसे बनाने वाली कंपनी डॉक्यूटेल ने अगले 5 साल में 70% ATM मार्केट पर कब्जा कर लिया.
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इस ATM को डोन वेत्जेल ने बनाया था. 1973 में वेत्जेल को ATM मशीन के लिए पेटेंट भी मिला. फिलहाल ATM ने लंबा सफर तय कर लिया है. ATM से पैसे के साथ अब गोल्ड-प्लेट भी निकलती है. गोल्ड-प्लेट निकालने वाली पहली मशीन अबुधाबी के होटल अमीरात पैलेस में लगाई गई थी. इससे 320 तरह के गोल्ड आइटम निकल सकते थे.
चलते-चलते आज की तारीख में हुई दूसरी घटनाओं पर निगाह मार लेते हैं
1573: अकबर (Mughal Ruler Akbar) ने गुजरात फ़तह किया
1945: जापान की हार के बाद दूसरा विश्व युद्ध (Second World War) समाप्त
1970 – कन्याकुमारी में विवेकानन्द स्मारक (Vivekananda Memorial in Kanyakumari) का उद्घाटन हुआ
2009 – आंध्र के CM वाई. एस. रेड्डी (Y. S. Rajasekhara Reddy) को ले जा रहा हेलीकाप्टर लापता
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