यूपी के अलीगढ़ में राजा महेन्द्र प्रताप सिंह (Raja Mahendra Pratap Singh) के नाम पर एक यूनिवर्सिटी बनाई जा रही है. जिसके बाद अकेले अलीगढ़ जिले में दो-दो बड़े विश्वविद्यालय हो जाएंगे.
यूपी के CM योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने इस यूनिवर्सिटी को खोलने का ऐलान साल 2019 में किया था लेकिन इसका शिलान्यास 14 सितंबर 2021 को हुआ. सियासी पंडितों का दावा है कि इस यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किसान आंदोलन के कारण बिदके जाट वोटों को लुभाने के लिए किया जा रहा है.
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जबकि BJP का दावा है कि यूनिवर्सिटी का जब ऐलान हुआ था तब तो किसान आंदोलन था ही नहीं. बहरहाल इन सबके बीच राजा महेन्द्र प्रताप सिंह का नाम सुर्खियों में हैं. लिहाजा जान लेते हैं उनकी शख्सियत को..
जानिए राजा महेन्द्र प्रताप को
- दिसंबर 1886 में जमींदार घनश्याम सिंह के घर हुआ जन्म
- बाद में हाथरस के राजा हरिनारायण सिंह ने उन्हें गोद ले लिया
- 16 साल की उम्र में जींद रियासत की राजकुमारी बलबीर कौर से विवाह हुआ
- अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र रहे, 3.8 एकड़ जमीन दी थी
कैसी थी राज महेन्द्र की शख्सियत ?
- साल 1906 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में भाग लिया
- 1909 में वृंदावन में प्रेम यूनिवर्सिटी बनवाई, तकनीकी शिक्षा देने वाला देश का पहला संस्थान
- 32 सालों तक देश से बाहर रहे, कई देशों की यात्रा की
- साल 1915 में काबुल से भारत के लिए अस्थायी सरकार की घोषणा की
- वे खुद राष्ट्रपति बने और मौलाना बरकतुल्ला खां को प्रधानमंत्री बनाया
- 1946 में भारत लौटे, वर्धा में जाकर महात्मा गांधी से मुलाकात की
- 1957 में मथुरा से सांसद बने, 1962 के चुनावों में मिली हार
- 29 अप्रैल 1979 में उनकी मौत हुई, केंद्र सरकार ने डाक टिकट जारी किया
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