यूक्रेन-रूस जंग (Ukraine-Russia War) में खबरें कुछ और इशारा कर रही हैं... लेकिन हालात कुछ और कहानी बयां कर रहे हैं. रूस-यूक्रेन की शांति वार्ता (Russia Ukraine Peace Talks) के बीच एक तरफ हमले कम होने की बात कही गई, वहीं दूसरी ओर जमीन पर ऐसा कुछ भी होता नहीं दिखाई दिया. शांति वार्ता के बाद रूस ने दोनेत्सक शहर पर हमले (Russia Attack on Donetsk City) और तेज किए हैं. पुतिन, इससे पहले यूक्रेन पर परमाणु अटैक (Putin Threat of Nuclear War) की चेतावनी भी दे चुके हैं. वह यूक्रेन को खत्म कर देने की चेतावनी दे चुके हैं. अगर इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स देखें, तो कई दावे दिखाई देते हैं. आइए समझने की कोशिश करते हैं कि हमले के पीछे पुतिन का इरादा क्या (what putin wants from ukraine) है?
कोरिया की तरह दो हिस्सों में बंटेगा यूक्रेन? || Ukraine will be divided into two parts like Korea?
यूक्रेन मिलिट्री इंटेलिजेंस चीफ (Ukraine Military Intelligence Chief) ने कहा- रूस चाहता है कि वह यूक्रेन को उसी तरह दो हिस्सों में बांट दे, जिस तरह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कोरिया को बांटा गया था. Gen. Kyrylo Budanov इससे पहले मॉस्को के हमले की भविष्यवाणी भी कर चुके हैं. यह बात उन्होंने नवंबर 2021 में ही कह दी थी. उन्होंने कहा है कि कीव पर कब्जे में नाकाम होने के बाद व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर कब्जे की अपनी योजना में बदलाव किया है.
कीव, यूक्रेन के उत्तर में है. यूक्रेनी पेनिनसुला, क्रीमिया पर रूस ने 2014 में कब्जा कर लिया था. यह इलाका देश के दक्षिणी भाग में है. इसके नजदीक ही मारियुपोल, ओडेसा और खेरसॉन शहर भी हैं. Budanov ने पुतिन की नई रणनीति को लेकर कहा कि "अब यूक्रेन में उत्तर और दक्षिण कोरिया बनाने की एक कोशिश है."
द्वितीय विश्व युद्ध तक उत्तर और दक्षिण कोरिया एक ही थे लेकिन 1945 से 1948 के बीच जब रूस और अमेरिका में तनाव बढ़ना शुरू हुआ, इन दोनों देशों के विभाजन की नींव भी तैयार हो गई.
यूक्रेन की NATO में नो एंट्री! || NO Entry for Ukraine in NATO
जुलाई 2021 में, पुतिन ने रूस और यूक्रेन को 'one people' बताया था. उन्होंने कहा था कि पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को करप्ट कर दिया और रूस के पाले से बाहर किया. रूस ने इसे पहचान बदलने की जबरन कोशिश का नाम दिया था. बातचीत की प्रक्रिया में भी रूस इसे दोहराता रहा है.
दिसंबर में, पुतिन ने अमेरिका और NATO को सिक्योरिटी डिमांड सौंपी. इसमें एक अहम गारंटी इस बात की थी कि यूक्रेन कभी NATO में एंट्री न करे. अमरिका और उसके सहयोगियों ने इसे गैर-जरूरी करार दिया था.
पुतिन ने संकेत दिया था कि उनकी इस मुद्दे पर लंबी बातचीत में कोई दिलचस्पी नहीं है. बीते साल के अंत में अपने सालाना न्यूज कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, "गारंटी आप लोगों को देनी होगी. क्या हम अमेरिकी सीमा के पास मिसाइल तैनात कर रहे हैं? नहीं, हम नहीं कर रहे हैं. अमेरिका अपनी मिसाइलों के साथ हमारी सीमाओं के पास खड़ा है.
गैस की पेमेंट Rubles में? || Europe To Pay For Gas "Only In Rubles"
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russia President Vladimir Putin) ने मार्च 2022 के आखिरी हफ्ते में कहा कि रूस "अन्फ्रेंडली देशों" को गैस डिलीवरी के लिए rubles में ही पेमेंट लेगा. बता दें कि रूबल रूस की मुद्रा है. पुतिन ने कहा कि यह नियम यूरोपियन यूनियन के सभी देशों पर लागू होगा. रूबल की कीमत, यूक्रेन युद्ध के बाद गिरी थी लेकिन रूस के इस ऐलान के तुरंत बाद उसकी कीमत डॉलर और यूरो के मुकाबले तेजी से मजबूत हुई. इसके साथ ही, गैस की कीमतें भी बढ़ गईं. हालांकि, पश्चिमी देशों ने इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया है.
उधर, औपचारिक बातचीत में रूस की मांगों में यूक्रेन का तटस्थ रुख और उसे खुद को गैर परमाणु देश घोषित करना शामिल है. साथ ही, क्रीमिया को रूस का हिस्सा मानना और पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों की संप्रभुता की शर्त शामिल है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भी रूस की मांगों के आगे झुकने के संकेत दे चुके हैं. जेलेंस्की ने कहा है कि यूक्रेन रूस को सुरक्षा गारंटी देने, तटस्थ रहने और खुद को न्यूक्लियर फ्री स्टेट घोषित करने करने के लिए तैयार है. हालांकि दोनों देशों की जंग कब खत्म होगी, इसपर अभी कुछ भी निर्णायक तौर पर नहीं कहा जा सकता है.
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