Vikram Sarabhai : हाल ही में आई वेब सीरीज रॉकेट बॉयज (Rocket Boys) में भारत के महान वैज्ञानिक विक्रम साराभाई (Vikram Sarabhai) की जिंदगी के पन्ने जिस तरह से दिखाए गए, उसकी खूब सराहना हुई. वेब सीरीज में इश्वाक सिंह (Ishwak Singh) ने वैज्ञानिक की भूमिका निभाई थी...रेजिना कैसेंड्रा को विक्रम साराभाई की पत्नी के तौर पर दिखाया गया. वेब सीरीज में दोनों की केमेट्री भी लाजवाब रही.
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होमी जहांगीर भाभा (Homi J. Bhabha) का किरदार जिम सरभ (Jim Sarbh) ने निभाया. हालांकि, वेब सीरीज में विक्रम और उनकी पत्नी मृणालिनी की प्रेम कहानी से जुड़े हर किस्से को नहीं दिखाया गया. आज हम विक्रम साराभाई की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि आज ही के दिन साल 1919 में विक्रम साराभाई का जन्म हुआ था. विक्रम साराभाई ही वह शख्स हैं जिनकी वजह से देश परमाणु संपन्न राष्ट्र बन सका और देश में इसरो की शुरुआत हो सकी...
वेब सीरीज में विक्रम और मृणालिनी (Vikram and Mrinalini Sarabhai) की प्रेम कहानी के हर हिस्से को नहीं दिखाया गया. तो आइए हम जानते हैं कि आखिर विक्रम साराभाई और मृणालिनी की प्रेम कहानी थी क्या? आइए शुरुआत से शुरू करते हैं...
1919 में हुआ था विक्रम साराभाई का जन्म
साल 1919 में एक बच्चे ने गुजरात के धनाड्य परिवार में पहली सांस ली... जब ज्योतिषी उस छोटे लड़के के हाथ पर बनी रेखाओं की तारीफें कर रहे थे, वे कह रहे थे कि ये रेखाएं बच्चे के कुछ बड़ा करने का संकेत हैं, तब शायद ही किसी को पता था कि यह बच्चा आने वाले भविष्य में न सिर्फ भारत का एक चमकता सितारा बनेगा बल्कि इसकी कहानियां भी पीढ़ियों को सुनाई जाएंगी. स्पेस जीनियस, विक्रम साराभाई ने अपनी उच्च शिक्षा गुजरात कॉलेज से पूरी की थी और डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने के लिए कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी (Cambridge University) गए.
कैम्ब्रिज में पढ़ाई के दौरान उन्होंने कॉस्मिक रेज पर अध्ययन किया और इस क्षेत्र को गहराई से जानने का फैसला किया. साराभाई 1947 में भारत वापस लौटे और उन्होंने अहमदाबाद में द फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी (PRL) की स्थापना की. साराभाई ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन - Indian Space Research Organisation (इसरो) की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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विक्रम साराभाई उन प्रमुख नामों में से एक हैं जिन्होंने भारत में परमाणु ऊर्जा विकसित करने में अहम भूमिका निभाई. 1966 में, फिजिसिस्ट को पद्म भूषण और 1972 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. हालांकि, इस जीनियस के बारे में एक दिलचस्प बात भी है जिससे बहुत लोग अनजान हैं. दरअसल, यह विक्रम और कमला चौधरी (Kamla Chaudhry) की लंबी प्रेमकहानी से जुड़ा किस्सा है. कमला, विक्रम की पत्नी मृणालिनी की दोस्त थीं. इस त्रिकोणीय प्रेम कहानी को आप जानेंगे इस शो में...
ऊटी में मृणालिनी से पहली बार मिले थे साराभाई
इस लव ट्राएंगल में जाने से पहले, आइए साराभाई की पत्नी मृणालिनी साराभाई के साथ उनकी खूबसूरत प्रेम कहानी के बारे में बात करते हैं. अपने युवा दिनों में, विक्रम साराभाई कुछ पारिवारिक काम से अहमदाबाद से ऊटी की यात्रा कर रहे थे और उस समय मद्रास के बैरिस्टर सुब्बाराम स्वामीनाथन के घर में आराम करने रुके थे. यही वह जगह थी जहां वह पहली बार मृणालिनी से मिले थे और उनकी सुंदरता पर फिदा हो गए थे. हालांकि ये वह पल नहीं था, जब दोनों के बीच प्यार की शुरुआत हुई...
फिर दोनों कुछ साल बाद 1941 में ऊटी में दूसरी बार मिले. यहां विक्रम अपने परिवार के साथ छुट्टियां बिताने आए थे, वहीं मृणालिनी भी अपने परिवार के साथ वहां मौजूद थी. अपनी आत्मकथा, मृणालिनी साराभाई: द वॉयस ऑफ द हार्ट (The Voice of the Heart: An Autobiography) में उन्होंने खुलासा किया था कि उन्हें भी पहली नजर में विक्रम से प्यार हो गया था. उन्होंने लिखा है- वह बेहद हैंडसम और गुड लुकिंग थे...
1942 में विक्रम साराभाई-मृणालिनी ने की शादी
दोनों में बातें शुरू हो गईं और जल्द ही, विक्रम थिएटर जाकर मृणालिनी के क्लासिकल डांस की परफॉर्मेंस देखने लगे. वह एक बेहतरीन क्लासिकल डांसर थीं. 1942 में दोनों शादी के बंधन में बंध गए. विक्रम को जहां भारत के स्पेस जीनियस के रूप में पहचाना गयां, वहीं मृणालिनी ने यूरोप में भारत की नृत्य शैली के झंडे गाड़ दिए.
जल्द ही, दंपति के दो बच्चे हुए. मृणालिनी ने बेटे कार्तिकेय और बेटी मल्लिका को जन्म दिया. सब कुछ अच्छा चल रहा था लेकिन तभी दोनों के रिश्ते में एक भूचाल आ गया. मृणालिनी के लिए यह असहनीय दौर था.
शादी के कुछ सालों बाद, एक दिन मृणालिनी को पता चला कि उनकी सबसे करीबी दोस्तों में से एक कमला चौधरी के पति की दिवाली से एक रात पहले किसी ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. वह इंपीरियल सिविल सर्विस अधिकारी थे. खबर सुनकर मृणालिनी ने अपनी सहेली को इस तकलीफ से बाहर लाने के लिए कुछ वक्त तक उन्हें अहमदाबाद आकर रहने को कहा. मृणालिनी ने काफी फोर्स किया जिसके बाद कमला कुछ समय के लिए उनके साथ घर पर रहने को तैयार हो गईं. उधर, विक्रम साराभाई भारत का पहला टेक्सटाइल रिसर्च इंस्टिट्यूट खोलने में व्यस्त थे. मृणालिनी अपनी सहेली कमला के साथ पति के शिक्षण संस्थानों में काम करने में मदद कर रही थीं.
कमला की सुंदरता और बुद्धिमता के दीवाने को गए थे साराभाई
पत्नी मृणालिनी के लगातार दबाव के बाद विक्रम साराभाई ने कमला को अपने ऑफिस में इंटरव्यू के लिए आने को कहा, और उस दिन ने हमेशा के लिए सब कुछ बदलकर रख दिया... स्पेस जीनियस विक्रम साराभाई कमला की सुंदरता और बुद्धिमत्ता के दीवाने हो गए. उन्होंने कमला को टेक्सटाइल इंस्टिट्यूट में नौकरी की पेशकश की. एक तरफ जहां मृणालिनी अपने डांसिंग टूर के लिए यूरोप में थीं, वहीं विक्रम और कमला नजदीक आने लगे.
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रिश्ते का अहसास होते ही कमला ने टेक्सटाइल इंस्टिट्यूट और अहमदाबाद दोनों को हमेशा के लिए छोड़ने का फैसला कर लिया. विक्रम ने कमला से रिक्वेस्ट की कि वह शहर न छोड़ें... लेकिन जब विक्रम ने अपनी हर कोशिश को बर्बाद होते देखा तो उन्होंने अहमदाबाद में दूसरा आईआईएम खोलने का फैसला किया. तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से कई अनुरोधों के बाद, वह शहर में आईआईएम (IIM Ahemdabad) लाने में कामयाब रहे और कमला को प्रतिष्ठित संस्थान में रिसर्च डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया. इसके बाद कमला ने दिल्ली जाने का अपना प्लान कैंसिल कर दिया था और अहमदाबाद में ही रुकी रहीं.
कमला चौधरी के भांजे और फेमस साइको एनालिस्ट सुधीर कक्कड़ ने अपनी पुस्तक ए बुक ऑफ मेमोरी में इसका जिक्र किया था. उन्होंने खुले तौर पर कहा था कि उनकी मौसी कमला और विक्रम साराभाई के बीच अफेयर था जो उनकी आखिरी सांस तक रहा. विक्रम साराभाई के मन में कमला के प्रति जो प्रेम था, वह इतना शुद्ध था कि उन्होंने अहमदाबाद में आईआईएम खोल दिया. न सिर्फ सुधीर बल्कि विक्रम और मृणालिनी की बेटी, मल्लिका ने भी एक बार एक इंटरव्यू में माना था कि उनके पिता का कमला चौधरी के साथ रिश्ता था.
30 दिसंबर, 1971 को विक्रम साराभाई के निधन के बाद, कमला दिल्ली चली गईं और कई बड़े संस्थानों में विजिटिंग फैकल्टी के तौर पर काम करने लगीं. इस पूरे मामले पर बात करते हुए मृणालिनी ने कहा था कि उन्होंने कभी अपने पति विक्रम साराभाई से नफरत नहीं की और उन्होंने जो कुछ भी किया इसके बावजूद वह अपनी अंतिम सांस तक पति से प्यार करेंगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि वह हमेशा चाहती थी कि दुनिया उनके पति को एक जीनियस के रूप में याद रखे क्योंकि वह बेहद इंटेलिजेंट और एक सुपर ह्यूमन थे. मृणालिनी अपने जीवन में ऐसे किसी दूसरे शख्स से नहीं मिलीं.
चलते चलते आज की दूसरी घटनाओं पर भी एक नजर डाल लेते हैं
1908: हेनरी फोर्ड की कार कंपनी ने पहला कार मॉडल बनाया
1914: फ्रांस और ब्रिटेन ने ऑस्ट्रिया-हंगरी के खिलाफ युद्ध की घोषणा की
1946: हार्ट और कार्डियोथोरेसिक सर्जन नरेश त्रेहन (Naresh Trehan) का जन्म हुआ
1981: आईबीएम ने अपना पहला पर्सनल कंप्यूटर पेश किया जिसकी कीमत 16 हजार डॉलर रखी गई