हाइलाइट्स

  • 15 अप्रैल 1469 को हुआ था गुरु नानक देव जी का जन्म
  • सिख धर्म में नानक देव जी ने की लंगर की शुरुआत
  • 22 सितंबर 1539 में हुआ गुरु नानक देव जी का निधन

लेटेस्ट खबर

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में दर्दनाक हादसा! कुएं में जहरीली गैस के रिसाव से पांच लोगों की मौत

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में दर्दनाक हादसा! कुएं में जहरीली गैस के रिसाव से पांच लोगों की मौत

Arvind Kejriwal Arrest: CM केजरीवाल के मामले में दिल्ली HC का CBI को नोटिस, कब होगी अगली सुनवाई?

Arvind Kejriwal Arrest: CM केजरीवाल के मामले में दिल्ली HC का CBI को नोटिस, कब होगी अगली सुनवाई?

Noida के Logix Mall में आग लगने की वजह से मची चीख-पुकार, देखें हाहाकारी VIDEO

Noida के Logix Mall में आग लगने की वजह से मची चीख-पुकार, देखें हाहाकारी VIDEO

Justin Bieber का मुंबई में हुआ जोरदार स्वागत, अनंत-राधिका के संगीत में परफॉर्म करेंगे सिंगर

Justin Bieber का मुंबई में हुआ जोरदार स्वागत, अनंत-राधिका के संगीत में परफॉर्म करेंगे सिंगर

Alpha: यशराज फिल्म्स ने आलिया भट्ट का स्पाई यूनिवर्स 'अल्फा' में किया स्वागत, देखिए धमाकेदार Video

Alpha: यशराज फिल्म्स ने आलिया भट्ट का स्पाई यूनिवर्स 'अल्फा' में किया स्वागत, देखिए धमाकेदार Video

क्या जसप्रीत बुमराह भी लेंगे टी-20 इंटरनेशनल से संन्यास? तेज गेंदबाज ने खुद कर दिया क्लियर

क्या जसप्रीत बुमराह भी लेंगे टी-20 इंटरनेशनल से संन्यास? तेज गेंदबाज ने खुद कर दिया क्लियर

Paris 2024 Olympics: PM मोदी ने खिलाड़ियों से की बात, दिया ये खास मंत्र

Paris 2024 Olympics: PM मोदी ने खिलाड़ियों से की बात, दिया ये खास मंत्र

Petrol Diesel Rates on July 05, 2024: पेट्रोल-डीजल की नई कीमतें हुईं अपडेट, चेक करें

Petrol Diesel Rates on July 05, 2024: पेट्रोल-डीजल की नई कीमतें हुईं अपडेट, चेक करें

Guru Nanak Dev Ji Biography : जब बाबर के आने से पहले अयोध्या पहुंचे थे गुरू नानक देव जी | Jharokha 22 Sep

Guru Nanak Dev Ji Biography : गुरु नानक देव जी सिखों के पहले गुरू और सिख धर्म के संस्थापक हैं. आइए जानते हैं गुरू नानक देव जी के जीवन के बारे में, उनके दिए संदेशों के बारे में इस लेख में...

Guru Nanak Dev Ji Biography : जब बाबर के आने से पहले अयोध्या पहुंचे थे गुरू नानक देव जी | Jharokha 22 Sep

Guru Nanak Dev Ji Biography : गुरू नानक देव सिखों के पहले गुरु हैं. सिख धर्म के लोग इन्हें नानक, नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह नामों से संबोधित करते हैं. नानक अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्मसुधारक, समाजसुधारक, कवि, देशभक्त और विश्वबन्धु सभी के गुण समेटे हुए थे. इनका समाधि स्थल गुरुद्वारा ननकाना साहिब पाकिस्तान में स्थित है. आज यानी 22 सितंबर के ही दिन 1539 में नानक देव जी का निधन हुआ था. आज हम इस लेख में उनकी जिंदगी को करीब से जानेंगे...

22 सितंबर 1539 में हुआ गुरु नानक देव जी का निधन

22 सितंबर 1539 को गुरू नानक देवजी देह को त्याग चुके थे. निधन के बाद करतारपुर के उनके निवास पर एक विवाद भी पैदा हो गया. हिंदू शिष्य उनका दाह संस्कार करना चाहते थे और मुस्लिम अनुयायी उन्हें मुस्लिम रीति से दफनाना चाहते थे. ऐसा कहा जाता है कि जब निधन के कुछ देर बाद उनकी चादर हटाई गई तो वहां गुरू का शरीर था ही नहीं, बल्कि वहां कुछ फूल पड़े थे. तब हिंदू और मुस्लिम दोनों ने आधे आधे फूल बांट लिए और उनका अपने अपने तरीकों से अंतिम संस्कार कर दिया. अपनी 5वीं उदासी के दौरान ही गुरू नानक करतारपुर में ही रहने लगे थे.

ये भी देखें- Pandit Shriram sharma: अंग्रेज मारते रहे पर श्रीराम शर्मा ने नहीं छोड़ा तिरंगा

आज की तारीख का संबंध गुरू नानक देव जी से है, जो सिखों के पहले गुरू थे... आज यानी 22 सितंबर के दिन ही 1539 में उनका निधन हुआ था...

15 अप्रैल 1469 को हुआ था गुरु नानक देव जी का जन्म

15 अप्रैल 1469 को सुबह के प्रकाश से पहले कालू बेदी की पत्नी तृप्ता ने एक बच्चे को जन्म दिया. बच्चे ने जन्म लेते ही दाई को हैरान कर दिया था. माता-पिता ने उसके भाग्य का पता लगाने के लिए एक ज्योतिषी को बुलाया. बड़ी बहन का नाम नानकी था तो बेटे का नाम नानक रख दिया गया. परिवार ननकाना शहर में रहता था, जो अब पाकिस्तान में है.

सिख धर्म में नानक देव जी ने की लंगर की शुरुआत

युवावस्था की दहलीज पर खड़े बेटे नानक को एक दिन पिता कल्याण दास जी ने 20 रुपये देकर व्यापार करने के लिए भेजा... रास्ते में बेटे को कुछ भूखे साधु मिले... तब क्या था.... बेटा उन साधुओं को नजदीक के गांव में ले गया और पिता के दिए 20 रुपये से ही भरपेट खाना खिलाया... तब गुरू नानक देव जी द्वारा खर्च किए गए 20 रुपये से लंगर की ऐसी रीति की शुरुआत हुई जो आज तक चल रही है...

15वीं शताब्दी में नानक के संदेश ने किया असर

15वीं शताब्दी का वक्त वह दौर था जब भारत आक्रांताओं के हमले झेल रहा था... भारत की संपदा को लूटने की होड़ मची थी... लोग धन दौलत इकट्ठा करने के लिए बुरे से बुरा काम करने से भी पीछे नहीं थे... तब भारत में नानक देव जी ने वंड छको का संदेश देकर ऊंच नीच, बड़े छोटे, अमीर गरीब के भेदभाव को खत्म करने में अपनी भूमिका निभाई.

गुरू नानक देव जी ने की 5 उदासियां

नानक देव जी ने जीवन में 5 उदासियां की. उदासियां यानि लंबी यात्राएं... इसी उदासी के दौरान वह अयोध्या भी पहुंचे थे... इसका जिक्र सिख धर्म के जानकार राजिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर की सुनवाई के दौरान किया था... अयोध्या फ़ैसले की कॉपी में पेज संख्या 991-995 में सिखों के पहले गुरू. नानक जी का जिक्र किया गया है. एक तरह से ये प्रमुख आधार रहा, जिसका संज्ञान लेते हुए अदालत ने माना कि बाबर के हमले से सालों पहले भी अयोध्या एक तीर्थस्थल था और वहां पूजा-पाठ होते थे.

गुरू नानक देव जी ने की थी अयोध्या की यात्रा

सुनवाई के दौरान राजिंदर सिंह नाम के वकील कोर्ट में पेश हुए थे. यह सिख इतिहासकार हैं और सिख साहित्यों के बड़े विद्वान भी हैं. उन्होंने सिख साहित्य जन्म साखी के आधार पर यह साबित किया कि गुरु नानक देव 1510 में भगवान श्रीराम का दर्शन करने गए थे.

ये भी देखें- Vivekananda Chicago speech 1893 : अमेरिकी विवेकानंद को क्यों कहते थे 'साइक्लोन हिंदू?'

गुरु नानक देव जी ने साल 1510-1511 में अयोध्या में भगवान श्रीराम का दर्शन किया था. गुरु नानक देव साल 1507 (विक्रम संवत 1564) में भद्रपद पूर्णिमा के दिन तीर्थाटन के लिए निकले थे. वह दिल्ली से हरिद्वार होते हुए अयोध्या पहुंचे थे. सुप्रीम कोर्ट ने इस ओर ध्यान भी दिलाया कि जब उनका ये दौरा हुआ, तब तक बाबर ने भारत पर आक्रमण नहीं किया था. राजिंदर सिंह ने सिखों के पवित्र साहित्य ‘जन्म साखी’ का हवाला दिया था...

राजिंदर सिंह ने जन्म साखी और इससे जुड़ी जिन पुस्तकों का हवाला दिया, उनमें

Adhi Sakhies (1701 CE), “Puratan Janam Sakhi Guru Nanak Devji Ki” (1734 CE) creation of Bhai Mani Singh (1644–1734 CE);

“Pothi Janamsakhi: Gyan Ratnawali”, “Bhai Bale Wali Janamsakhi” (1883 CE) creation of Sodhi Manohar Das Meharban (1580–1640);

“Sachkhand Pothi: Janamsakhi Shri Guru Nanak Devji”, creation of Baba Sukhbasi Ram Vedu (8th descendant of Sri Laxmi Chand younger son of Guru Nanak Devji);

“Guru Babak Vansh Prakash (1829 CE);
creation of Shri Tara Hari Narotam (1822–1891 CE);

“Shri Guru Tirath Sangrahi” and famous creation of Gyani Gyan Singh “Tawarikh Guru Khalsa: Part I (1891 CE) etc. शामिल हैं.

ये भी देखें- Mughal Princess Jahanara Begum Biography: औरंगजेब-दारा शिकोह से बड़ा था जहांआरा का रसूक

राजिंदर सिंह ने ‘आदि साखी’, ‘पुरातन जन्म साखी’, ‘पोढ़ी जन्म साखी’ और ‘गुरु नानक वंश प्रकाश’ जैसे पवित्र पुस्तकों का जिक्र करते हुए अपनी बात का सबूत पेश किया. यह भी पता चला कि बाद के दिनों में गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविन्द सिंह भी भगवान श्रीराम का दर्शन करने अयोध्या पहुंचे थे.

1858 में राम जन्मभूमि में घुस आए थे निहंग

यहां एक घटना का जिक्र करना बेहद जरूरी है... और यह घटना निहंग सिखों से जुड़ी है. 30 नवंबर, 1858 को अवध के थानेदार ने एक एफआईआर दर्ज की थी. इसमें लिखा गया था कि 25 सिख राम जन्मभूमि में घुस आए और उन्होंने गुरु गोविन्द सिंह का हवन किया. इन सिखों ने जन्मभूमि की दीवारों पर ‘राम-राम’ लिख दिया और कई धार्मिक प्रक्रियाएं पूरी करते हुए लंबी पूजा पाठ की. इस एफआईआर की कॉपी आज भी खूब सर्कुलेट होती रहती है.

सिख धर्म की उत्पत्ति गुरू नानक देव जी से

सिख धर्म की उत्पत्ति 5 शताब्दी पहले गुरु नानक से हुई थी. नानक एक हिंदू परिवार से थे. वह मुस्लिम पड़ोसियों के बीच बड़े हुए. कम उम्र से ही उनमें गहरी आध्यात्मिकता दिखाई देने लगी थी. उन्होंने धार्मिक परंपराओं में हिस्सा लेने से खुद को दूर कर लिया था. नानक ने शादी की और कारोबार भी किया लेकिन ईश्वर और ध्यान के प्रति उनका झुकाव बना रहा. आखिर में नानक एक यात्री बन गए जिन्होंने दुनियाभर में अनेक यात्राएं की. उन्होंने मूर्तिपूजा का बहिष्कार किया.

ये भी देखें- Doordarshan Story: टेलीविजन इंडिया के नाम से शुरू हुआ था दूरदर्शन! जानें चैनल की कहानी

सिख धर्म के प्रथम गुरु गुरुनानक देवी जी के चार शिष्य हुए. ये चारों शिष्य हमेशा बाबाजी के साथ ही रहते थे. बाबाजी ने अपनी लगभग हर उदासी इन चारों के साथ ही की. इन चारों के नाम थे- मरदाना, लहना, बाला और रामदास... मरदाना ने गुरुजी के साथ 28 साल में लगभग दो उपमहाद्वीपों की यात्रा की. इस दौरान उन्होंने तकरीबन 60 से ज्यादा प्रमुख शहरों का भ्रमण किया. जब गुरुजी मक्का की यात्रा पर थे तब मरदाना उनके साथ थे.

मक्का की यात्रा पर भी गए थे गुरू नानक

मक्का में गुरू जी की यात्रा से जुड़ा एक रोचक प्रसंग मिलता है. जब वह मक्का गए तो पवित्र स्थान की ओर पैर करके सो गए. इससे कुछ लोग नाराज हो गए. गुरू जी ने उनसे कहा- आप मेरे पैर को उस दिशा में कर दें जो पवित्र न हो. कहते हैं, जब उनके पांव दूसरी ओर किए गए तो पूरा मक्का उधर घूम गया. यह देख सभी हैरान रह गए. हालांकि इस किस्से का कोई तथ्यात्मक प्रमाण नहीं मिलता है.

उन्‍होंने अपनी मृत्यु से पहले अपने शिष्य भाई लहना को उत्तराधिकारी बनाया, जो आगे चलकर गुरु अंगद देव कहलाए. वे सिखों के दूसरे रा गुरु माने जाते हैं.

चलते चलते 22 सितंबर की दूसरी घटनाओं पर भी एक नजर डाल लेते हैं

1711 - फ्रांसीसी सैनिकों ने रियो डी जनेरियो पर कब्जा किया
1965 - भारत-पाकिस्तान युद्ध का संघर्ष विराम हुआ
1979 - जमीयत-ए-इस्लाम के संस्थापक मौलाना अब्दुल अली मौदूदी का निधन
2011 - मशहूर क्रिकेटर मंसूर अली ख़ान पटौदी (Mansoor Ali Khan Pataudi) का निधन

ये भी देखें- Hindi Diwas : कैसे बनी हिन्दी? कैसे बना भाषा का इतिहास? हिन्दी दिवस पर History of Hindi

ADVERTISEMENT

अप नेक्स्ट

Guru Nanak Dev Ji Biography : जब बाबर के आने से पहले अयोध्या पहुंचे थे गुरू नानक देव जी | Jharokha 22 Sep

Guru Nanak Dev Ji Biography : जब बाबर के आने से पहले अयोध्या पहुंचे थे गुरू नानक देव जी | Jharokha 22 Sep

History 05th July: दुनिया के सामने आई पहली 'Bikini', BBC ने शुरू किया था पहला News Bulletin; जानें इतिहास

History 05th July: दुनिया के सामने आई पहली 'Bikini', BBC ने शुरू किया था पहला News Bulletin; जानें इतिहास

History 4 July: भारत और अमेरिका की आजादी से जुड़ा है आज का महत्वपूर्ण दिन, विवेकानंद से भी है कनेक्शन

History 4 July: भारत और अमेरिका की आजादी से जुड़ा है आज का महत्वपूर्ण दिन, विवेकानंद से भी है कनेक्शन

Hathras Stampede: हाथरस के सत्संग की तरह भगदड़ मचे तो कैसे बचाएं जान? ये टिप्स आएंगे काम

Hathras Stampede: हाथरस के सत्संग की तरह भगदड़ मचे तो कैसे बचाएं जान? ये टिप्स आएंगे काम

History 3 July: 'गरीबों के बैंक' से जुड़ा है आज का बेहद रोचक इतिहास

History 3 July: 'गरीबों के बैंक' से जुड़ा है आज का बेहद रोचक इतिहास

History: आज धरती के भगवान 'डॉक्टर्स' को सम्मानित करने का दिन, देखें इतिहास

History: आज धरती के भगवान 'डॉक्टर्स' को सम्मानित करने का दिन, देखें इतिहास

ADVERTISEMENT

editorji-whatsApp

और वीडियो

History 30 June: 450 करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूजर्स, Social Media से है आज के इतिहास का कनेक्शन

History 30 June: 450 करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूजर्स, Social Media से है आज के इतिहास का कनेक्शन

History 29th June: आज मनाया जाता है राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस, जानें Apple के पहले iPhone की कहानी

History 29th June: आज मनाया जाता है राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस, जानें Apple के पहले iPhone की कहानी

History 28th June: आज ही के दिन भड़की थी पहले विश्व युद्ध की चिंगारी, जानें इतिहास

History 28th June: आज ही के दिन भड़की थी पहले विश्व युद्ध की चिंगारी, जानें इतिहास

History 27th June: चॉकलेट वेंडिंग मशीन को देखकर आया था ATM मशीन बनाने का ख्याल, जानें आज का रोचक इतिहास

History 27th June: चॉकलेट वेंडिंग मशीन को देखकर आया था ATM मशीन बनाने का ख्याल, जानें आज का रोचक इतिहास

History 26th June: हैरी पॉटर से लेकर रोजाना इस्तेमाल होने वाले टूथब्रश तक जानें आज का रोचक इतिहास

History 26th June: हैरी पॉटर से लेकर रोजाना इस्तेमाल होने वाले टूथब्रश तक जानें आज का रोचक इतिहास

History 25th June: 25 जून साल 1975... जिस दिन लिखी गई 'आपातकाल' की पटकथा

History 25th June: 25 जून साल 1975... जिस दिन लिखी गई 'आपातकाल' की पटकथा

History 24th June: युद्ध मैदान में शहीद हुई थीं रानी दुर्गावती, Test में बना भारत का दूसरा सबसे कम स्कोर

History 24th June: युद्ध मैदान में शहीद हुई थीं रानी दुर्गावती, Test में बना भारत का दूसरा सबसे कम स्कोर

History 23th June: जब एयर इंडिया के विमान में रखे बम ने ली 329 लोगों की जान, देखें इतिहास

History 23th June: जब एयर इंडिया के विमान में रखे बम ने ली 329 लोगों की जान, देखें इतिहास

UGC-NET एग्जाम में गड़बड़ी को देखने वाली 'I4C' आंख' को जानते हैं आप?

UGC-NET एग्जाम में गड़बड़ी को देखने वाली 'I4C' आंख' को जानते हैं आप?

गर्लफ्रेंड सफल, पर खुद पास नहीं कर पाया NEET...अतुल वत्स्य ऐसे बना सॉल्वर गैंग का सरगना

गर्लफ्रेंड सफल, पर खुद पास नहीं कर पाया NEET...अतुल वत्स्य ऐसे बना सॉल्वर गैंग का सरगना

Editorji Technologies Pvt. Ltd. © 2022 All Rights Reserved.