World Media on Farm Laws repeal announcement: नरेंद्र मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान कर दिया है. भारत के साथ साथ इस खबर पर वर्ल्ड मीडिया की भी लगातार नजर थी. आइए देखते हैं दुनिया के अलग अलग देशों के बड़े अखबारों ने इसपर क्या कहा?
NYT ने कहा- मोदी को बदलना पड़ा रुख
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने लिखा- करीब एक साल तक चले किसान आंदोलन के सामने प्रधानमंत्री मोदी को आखिर रुख बदलना पड़ा. सरकार ने सॉफ्ट अप्रोच अपनाने का फैसला किया और विवादित कृषि कानून वापस ले लिए. आंदोलन कर रहे किसानों में सिखों की तादाद काफी ज्यादा थी, शायद यही वजह है कि मोदी ने प्रकाश पर्व पर इस फैसले का ऐलान किया.
CNN ने कहा- सियासी मजबूरी
CNN ने लिखा- भारत कृषि प्रधान देश है और कोई भी सरकार किसानों को नाराज करने का जोखिम नहीं ले सकती. अगले साल चुनाव होने हैं, मोदी को अगर सत्ता में रहना है तो इन चुनावों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
The Guardian- किसानों की बात नहीं सुनी
ब्रिटिश अखबार The Guardian ने लिखा- भारत की 60% आबादी एग्रीकल्चर सेक्टर पर डिपेंड है. कृषि कानून लाना किसानों को रास नहीं आया, उनका तर्क बिल्कुल वाजिब था. वो ये कह रहे थे कि जिन किसानों के लिए सरकार ने कानून बनाए, उनसे ही बातचीत क्यों नहीं की गई.
The Globe and Mail- मोदी ने फिर चौंकाया
कनाडा के अखबार theglobeandmail ने लिखा- प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर चौंका दिया. प्रकाश पर्व पर मोदी के इस ऐलान के कई मायने निकाले जा सकते हैं. इसके राजनीतिक कारण भी अहम हैं.
Dawn- सरकार को पीछे हटना पड़ा
पाकिस्तान के सबसे बड़े अखबार और वेबसाइट dawn.com ने इस खबर की हेडिंग में लिखा- कृषि कानूनों पर मोदी को अपने कदम पीछे खींचने पड़े. geo.tv और tribune.com.pk जैसी पाकिस्तान की कुछ और बड़ी वेबसाइट्स की खबरें भी कमोबेश इसी तरह की रहीं.