उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद पर रावत का 'तीरथ' 4 महीने में ही समाप्त हो गया. तमाम कयासों के बीच तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से शुक्रवार रात इस्तीफा दे दिया. उन्होंने देर रात 11 बजे देहरादून में राजभवन पहुंचकर राज्यपाल बेबी रानी मौर्या को अपना इस्तीफा सौंपा. राजभवन ने ट्वीट कर इसकी पुष्टि भी की. हालांकि अगले सीएम के चुनाव तक तीरथ कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहेंगे. इस्तीफे के बाद तीरथ बैठे तो थे प्रेस कांफ्रेंस करने, लेकिन त्याग पत्र पर चुप्पी साधे रखी.
इससे पहले तीरथ ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे अपने पत्र में संवैधानिक बाध्यता का जिक्र कर कहा था कि नियमों के मुताबिक सीएम बनने के 6 महीने के भीतर उन्हें विधानसभा सदस्य बनना चाहिए, लेकिन राज्य में चुनाव में एक साल का वक्त रह गया है और ऐसे में असेंबली के उपचुनाव नहीं हो सकते. लिहाजा वो इस्तीफे की पेशकश कर रहे हैं. हालांकि जानकारों का मानना है कि अगर आलाकमान चाहता तो बहुत से रास्ते निकल सकते थे. बीते तीन दिनों से तीरथ दिल्ली में ही थे, इस दौरान उन्होंने जेपी नड्डा और अमित शाह से मुलाकात की. पौड़ी से लोकसभा सांसद रावत ने इसी साल 10 मार्च को त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह मुख्यमंत्री का पद संभाला था.
अब नरेंद्र सिंह तोमर की देखरेख में शनिवार को 4 बजे देहरादून में विधायक दल की बैठक बुलाई गई है, इसमें नए सीएम पर फैसला हो सकता है. खबर है कि सीएम पद की रेस में जो 4 नाम आगे चल रहे हैं वो हैं सतपाल महाराज, रेखा खंडूरी, पुष्कर सिंह धामी और धन सिंह रावत.