पिछले साल हुए दिल्ली दंगों के मामलों में गिरफ्तार (Delhi Riots Case) तीन आरोपियों को जमानत देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने बड़ी टिप्पणी की. हाईकोर्ट ने कहा कि विरोध प्रदर्शन करना आतंकवाद नहीं (Protest is Not Terrorism) है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने मंगलवार को देवांगना कलीता, नताशा नरवाल (Devangana Kalita, Natasha Narwal) और जामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा (Asif Iqbal tanha) को जमानत दे दी. इनको जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा कि किसी असंतोष को दबाने की कोशिश में सरकार विरोध के अधिकार को खत्म नहीं कर सकती. सरकार को समझना होगा कि असंतोष जताना और आतंकवादी गतिविधि करने में अंतर है. कोर्ट ने कहा कि यदि यह मानसिकता जोर पकड़ती है तो फिर लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं होगा. इसके साथ ही कोर्ट ने तीनों आरोपियों को अपने-अपने पासपोर्ट जमा करने, गवाहों को प्रभावित न करने और सबूतों के साथ छेड़खानी न करने का भी निर्देश दिया है.
बता दें कि नताशा नारवाल और देवंगाना कलिता, दिल्ली स्थित महिला अधिकार ग्रुप 'पिंजरा तोड़' की सदस्य हैं. दोनों को पिछले साल फरवरी में ही गिरफ्तार किया गया था. कोर्ट ने जामिया के छात्र आसिफ इकबाल को 13 जून से 26 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दी है. आसिफ 15 जून से शुरू होने वाली परीक्षा की तैयारी दिल्ली में ही एक होटल में रहकर करेंगे.