लोकतांत्रिक अधिकारों को लेकर चीन हमेशा से ही निशाने पर रहा है लेकिन अब सवालों की धार और तीखी हो सकती है. चीन की सत्तानशीं कम्यूनिस्ट पार्टी इस साल अपना 100वां स्थापना दिवस मना रही है, इसी बीच पार्टी संविधान में एक बड़ा बदलाव किया गया है. इस नए नियम के तहत पार्टी ने सदस्यों पर मतभेदों को खुलकर सामने रखने पर रोक लगा दी है. चीन की सरकारी एजेंसी शिन्हुआ ने बुधवार को इस की जानकारी दी कि पार्टी इस तरह की गतिविधि को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी और अगर पार्टी नेताओं को अयोग्य पाया जाएगा तो पार्टी कार्यकर्ताओं को उन्हें हटाने की मांग करने का अधिकार दिया होगा. चीन की सीपीसी 1921 को अस्तित्व में आई थी और 1949 में पहली बार उसे सत्ता हासिल हुई थी और इसी साल पार्टी अपना शताब्दी वर्ष धूमधाम से मनाने की तैयारी में लगी है.