एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) उन सभी मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया है कि जिसमें उसके हिब्रू (Hebrew Statement) में दिए गए बयान को गलत तरीके से पेश किया गया था. एमनेस्टी इंटरनेशनल इजरायल ने पेगासस जासूसी कांड (Pegasus Snooping case) पर एक बयान जारी किया था और अब सारी कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए जिसका वो जल्द ही अंग्रेजी में भी जारी करने वाले हैं. संस्था ने कहा था कि, 'एमनेस्टी इंटरनेशनल पेगासस प्रोजेक्ट पर हुए खुलासे के तथ्यों के साथ डटकर खड़ा है. सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई जा रहा है ताकि पत्रकारों, एक्टिविस्ट और बाकी लोग जिन्हें निशाना बनाया गया है उनसे ध्यान हटाया जा सके.'
द वायर ने एमनेस्टी इंटरनेशनल इजरायल के प्रवक्ता से बात की है जिन्होंने स्वीकार किया है कि हिब्रू में जारी किए गए बयान की गलत प्रस्तुति की गई है. प्रवक्ता के मुताबिक उनके बयान में वो सारी बातें थी जैसे दुनियाभर की 17 मीडिया संस्थानों की जांच में पचा चला था.
बता दें कि एमनेस्टी इंटरनेशनल भी उस जांच का हिस्सा है जिसमें पेगासस (Pegasus Project) के शिकार हुए लोगों के फोनों की फॉरेंसिक जांच हुई थी. इसमें 67 मोबाइल फोन की जांच हुई थी जिसमें से 37 में ये स्पायवेयर पाया गया था. बता दें कि केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने भी पेगासस मामले को फेक बताने के लिए एमनेस्टी के बयान का जिक्र किया था और कहा था कि एमनेस्टी ने पेगासस वाली रिपोर्ट से पल्ला झाड़ लिया है.
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