हाइलाइट्स

  • 1784 में हुआ था जोरावर सिंह कहलुरिया का जन्म
  • 1817 में गुलाब सिंह की सेना में भर्ती हुए थे जोरावर सिंह
  • जोरावर सिंह ने बाल्टिस्तान-लद्दाख को जीता था

लेटेस्ट खबर

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में दर्दनाक हादसा! कुएं में जहरीली गैस के रिसाव से पांच लोगों की मौत

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में दर्दनाक हादसा! कुएं में जहरीली गैस के रिसाव से पांच लोगों की मौत

Arvind Kejriwal Arrest: CM केजरीवाल के मामले में दिल्ली HC का CBI को नोटिस, कब होगी अगली सुनवाई?

Arvind Kejriwal Arrest: CM केजरीवाल के मामले में दिल्ली HC का CBI को नोटिस, कब होगी अगली सुनवाई?

Noida के Logix Mall में आग लगने की वजह से मची चीख-पुकार, देखें हाहाकारी VIDEO

Noida के Logix Mall में आग लगने की वजह से मची चीख-पुकार, देखें हाहाकारी VIDEO

Justin Bieber का मुंबई में हुआ जोरदार स्वागत, अनंत-राधिका के संगीत में परफॉर्म करेंगे सिंगर

Justin Bieber का मुंबई में हुआ जोरदार स्वागत, अनंत-राधिका के संगीत में परफॉर्म करेंगे सिंगर

Alpha: यशराज फिल्म्स ने आलिया भट्ट का स्पाई यूनिवर्स 'अल्फा' में किया स्वागत, देखिए धमाकेदार Video

Alpha: यशराज फिल्म्स ने आलिया भट्ट का स्पाई यूनिवर्स 'अल्फा' में किया स्वागत, देखिए धमाकेदार Video

क्या जसप्रीत बुमराह भी लेंगे टी-20 इंटरनेशनल से संन्यास? तेज गेंदबाज ने खुद कर दिया क्लियर

क्या जसप्रीत बुमराह भी लेंगे टी-20 इंटरनेशनल से संन्यास? तेज गेंदबाज ने खुद कर दिया क्लियर

Paris 2024 Olympics: PM मोदी ने खिलाड़ियों से की बात, दिया ये खास मंत्र

Paris 2024 Olympics: PM मोदी ने खिलाड़ियों से की बात, दिया ये खास मंत्र

Petrol Diesel Rates on July 05, 2024: पेट्रोल-डीजल की नई कीमतें हुईं अपडेट, चेक करें

Petrol Diesel Rates on July 05, 2024: पेट्रोल-डीजल की नई कीमतें हुईं अपडेट, चेक करें

Zorawar Singh Kahluria: भारत का महान सेनापति जिसने बदल दिया देश का नक्शा! जानें जोरावर सिंह को | Jharokha

Zorawar Singh Kahluria : जोरावर सिंह कहलुरिया भारत के वो जांबाज योद्धा थे जिन्होंने बाल्टिस्तान और लद्दाख में जाकर न सिर्फ लड़ाईयां लड़ी बल्कि उन्हें जीता भी. आइए जानते हैं जोरावर सिंह के बारे में सबकुछ...

Zorawar Singh Kahluria: भारत का महान सेनापति जिसने बदल दिया देश का नक्शा! जानें जोरावर सिंह को | Jharokha

Zorawar Singh Kahluria : तवांग सीमा (Tawang Border) पर भारत और चीन के सैनिकों में तनाव भरा माहौल है. चीन की किसी भी हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना तैयार खड़ी है. इसी कोशिश में भारत ने अब ड्रैगन को जोर का झटका देने की तैयारी कर ली है. अब भारतीय सेना में 'जोरावर' टैंक शामिल करने की तैयारी चल रही है. इस टैंक का नाम 'भारत के नेपोलियन' कहे जाने वाले जनरल जोरावर सिंह (General Zorawar Singh Kahluria) के नाम पर पड़ा है. जोरावर ही वह वीर योद्धा हैं जिन्होंने माइनस 40 डिग्री में बर्फ से ढंके दर्रों, पहाड़ों पर लड़ना और जीतना सिखाया.

आज हम जानेंगे भारतीय रणबांकुरे जोरावर के बारे में (All About Zorawar Singh Kahluria) जिसने पूरब और पश्चिम में सीमाओं के पार जाकर विजय पाई थी...

1784 में हुआ था जोरावर सिंह कहलुरिया का जन्म || Zorawar Singh Kahluria was born in 1784

1784 में हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के बिलासपुर के पास छोटे से गांव में जन्मे जोरावर सिंह कहलूरिया... शुरुआत में जोरावर गांव में ही रहते थे... थोड़ी सी जमीन थी. लेकिन रिश्ते के एक भाई की नजर उनकी जमीन पर थी. वह जमीन हड़पने के लिए हर मुमकिन कोशिश करता. जोरावर सिद्धातों के पक्के थे. एक दिन मामला बिगड़ गया और तलवार की लड़ाई शुरू हो गई. इसमें जोरावर के हाथों रिश्ते के भाई की हत्या हो गई. कानूनी दांवपेंच और जेल जाने के डर से जोरावर ने गांव छोड़ दिया और भागकर हरिद्वार पहुंचे.

हरिद्वार में उन्होंने अपने किए पर प्रायश्चित किया. लेकिन यहीं पर तकदीर ने उनके हिस्से में कुछ और ही लिख डाला था. हरिद्वार में जोरावर की मुलाकात डोडा के राणा जसवंत सिंह से हुई. राणा को जोरावर के अंदर दमखम दिखाई दिया. राणा युवा जोरावर को सैनिक की ट्रेनिंग देने के लिए अपने साथ डोडा लेकर आए.

1817 में गुलाब सिंह की सेना में भर्ती हुए थे जोरावर सिंह || Zorawar Singh was recruited in Gulab Singh's army in 1817

जोरावर ने राणा के फैसले को सही साबित किया और ट्रेनिंग को पूरा किया. वह 1817 का साल था जब महाराजा गुलाब सिंह (Maharaja Gulab Singh) की सेना में नौकरी के लिए वह डोडा आए थे.

वह लॉजिस्टिक्स संभालते और सैनिकों की मदद करते. उनकी रणनीति और प्लान देखकर वरिष्ठों ने उन्हें तरक्की दी. 19वीं सदी के कहलुरिया राजपूत जोरावर न सिर्फ अपनी वीरता के लिए जाने गए बल्कि राजनीति के लिए भी उनका नाम हुआ... भीमगढ़ किले के कमांडेंट रहते उन्होंने महाराजा को ऐसा प्रभावित किया कि जल्द ही उन्हें किश्तवाड़ का गवर्नर बना दिया गया.

जोरावर सिंह ने बाल्टिस्तान-लद्दाख को जीता था || Zorawar Singh won Baltistan-Ladakh

उन्होंने पश्चिम में बाल्टिस्तान, पूर्व में तिब्बत तक जाकर लड़ाईयां लड़ीं और उन्हें जीता भी... उन्होंने डोगरा सेना में रहते विदेशी सरजमीं पर चढ़ाई की और उन इलाकों को जम्मू राज में मिलाया. लद्दाख आज भारत का हिस्सा है. इसका श्रेय अगर किसी को जाता है, तो वह जनरल जोरावर सिंह ही हैं. मई 1941 में, जनरल जोरावर सिंह ने 6 हजार सैनिकों के साथ लद्दाख पर चढ़ाई कर दी. इन सैनिकों में ज्यादातर डोगरा सैनिक थे और फतहसाहिबजी बटालियन से थे.

किसी राजा या सेनापति ने कभी जोखिम और दुर्गम इलाकों में जाकर इस तरह न तो लड़ाईयां लड़ीं और न ही उन्हें हमेशा के लिए अपने राज्य में मिलाया, जैसा कि जोरावर सिंह ने किया...

जोरावर सिंह ने पश्चिम की ओर की चढ़ाई || Zorawar Singh mission towards the west

जोरावर सिंह पश्चिम में ऐसे सरजमीं पर पहुंचे थे जहां हिंदू धर्म नहीं था. डोगरा, लद्दाखी और दूसरे धर्मों के सैनिकों को लेकर वह मुस्लिम बहुलता वाले बाल्टिस्तान तक पहुंचे और उसे जीतकर राज्य में मिलाया.

जोरावर सिंह के सैनिक उनके लिए वफादार थे और वह महाराजा गुलाब सिंह के प्रति. मुस्लिम शासन वाले बाल्टिस्तान (Baltistan) को जम्मू राज का हिस्सा बनाया जा सका, तो भी सिर्फ जोरावर की वजह से ही.

गिलगित, हुंजा, नागर सहित बाल्टिस्तान के दूसरे नजदीकी इलाके सीधा डोगरा देश के अंतर्गत आ गए थे. हालांकि, बाद में ब्रिटिश शासन ने इनके लिए लक्ष्मण रेखा खींच डाली थी.

जोरावर सिंह ने पूरब की ओर की चढ़ाई || Zorawar Singh mission towards the east

ब्रिटिश गवर्नर जनरल फोर्ट विलियम (British Governor General Fort William) पश्चिम की तरफ बढ़ती डोगरा की धमक को पसंद नहीं कर रहे थे. लाहौर दरबार ने भी पश्चिम की ओर और बढ़ने की डोगरा की कोशिश को रोक दिया था. इसके बाद जनरल जोरावर सिंह ने पूर्व की ओर चढ़ाई की. वह लद्दाख के ऊंचे इलाकों और तिब्बत तक पहुंचे और उसे राज्य में मिलाया.

वह रियासी नदी के ऊंचे क्षेत्रों तक गए, जांस्कर को जीता, लद्दाख पर विजय हासिल की. यह वह इलाके थे जहां बौद्ध धर्म की मौजूदगी थी. डोगरा इसी वक्त तकलाकोट या पुरंग पहुंचे जो कैलाश मानसरोवर (Kailash Mansarovar) के नजदीक थी. जनरल की सेना ने कैलाश मानसरोवर के दर्शन किए और पवित्र झील में डुबकी भी लगाई.

जनरल को नामुमकिन मिशन हासिल करने के लिए यहीं पर महाराज गुलाब सिंह से शाबाशी का संदेश भी मिला. लेकिन तभी वहां वक्त से पहले बर्फबारी हो गई. ईंधन की कमी, तेज और सर्द हवाओं ने हालात मुश्किल कर दिए. जानवरों के लिए चारा और सैनिकों के लिए अनाज का संकट हो गया. इसी वक्त चीनी और तिब्बती सैनिकों ने तकलाकोट में खुद को फिर से तैयार किया और इनपर हमला बोल दिया.

चीनी-तिब्बती इलाके को बखूबी जानते थे लेकिन बाहरी होने की वजह से जोरावर और उनके सैनिक इलाके से परिचित नहीं थे... एक गोली जोरावर के दाएं कंधे को आर पार कर गई. जोरावर ने तलवार उठा ली. लेकिन एक तिब्बती घुड़सवार ने उनके सीने में तलवार घोंप दी. वह दिसंबर 1841 का महीना था...

सैन्य संचालन में महारथी जोरावर को वीरगति भी सैन्य संचालन की नाकामी की वजह से मिली.

तिब्बत के तोयो में लड़ाई के दौरान जब ईंधन खत्म हुआ तो सैनिकों ने राइफल्स और दूसरे हथियारों की लकड़ी की पेटियां जलानी शुरू कर दी, खुद को गर्म रखने के लिए... और यही वजह बने हथियारों के जाम होने की... नतीजा ये हुआ कि सर्दी की वजह से हथियार काम नहीं कर सके...

तिब्बत के तकलाकोट (Taklakot in Tibet) के तोयो में इस भारतीय शूरवीर की समाधि है. लेकिन दुर्भाग्य ये है कि भारत के इस वीर योद्धा का इतिहास में जिक्र बहुत ही कम मिलता है. कैलाश मानसरोवर से आने वाली तीर्थयात्रियों को रास्ते में इनकी समाधि तो मिलती है लेकिन कम ही लोग उस सच से परिचित रहते हैं, जो इस महावीर के साथ जुड़ी हुई है.

ये भी देखें- How did China conquered Tibet?: शांत देश तिब्बत को चीन ने कैसे बनाया 'निवाला'? || Jharokha

ADVERTISEMENT

अप नेक्स्ट

Zorawar Singh Kahluria: भारत का महान सेनापति जिसने बदल दिया देश का नक्शा! जानें जोरावर सिंह को | Jharokha

Zorawar Singh Kahluria: भारत का महान सेनापति जिसने बदल दिया देश का नक्शा! जानें जोरावर सिंह को | Jharokha

History 05th July: दुनिया के सामने आई पहली 'Bikini', BBC ने शुरू किया था पहला News Bulletin; जानें इतिहास

History 05th July: दुनिया के सामने आई पहली 'Bikini', BBC ने शुरू किया था पहला News Bulletin; जानें इतिहास

History 4 July: भारत और अमेरिका की आजादी से जुड़ा है आज का महत्वपूर्ण दिन, विवेकानंद से भी है कनेक्शन

History 4 July: भारत और अमेरिका की आजादी से जुड़ा है आज का महत्वपूर्ण दिन, विवेकानंद से भी है कनेक्शन

Hathras Stampede: हाथरस के सत्संग की तरह भगदड़ मचे तो कैसे बचाएं जान? ये टिप्स आएंगे काम

Hathras Stampede: हाथरस के सत्संग की तरह भगदड़ मचे तो कैसे बचाएं जान? ये टिप्स आएंगे काम

History 3 July: 'गरीबों के बैंक' से जुड़ा है आज का बेहद रोचक इतिहास

History 3 July: 'गरीबों के बैंक' से जुड़ा है आज का बेहद रोचक इतिहास

History: आज धरती के भगवान 'डॉक्टर्स' को सम्मानित करने का दिन, देखें इतिहास

History: आज धरती के भगवान 'डॉक्टर्स' को सम्मानित करने का दिन, देखें इतिहास

ADVERTISEMENT

editorji-whatsApp

और वीडियो

History 30 June: 450 करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूजर्स, Social Media से है आज के इतिहास का कनेक्शन

History 30 June: 450 करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूजर्स, Social Media से है आज के इतिहास का कनेक्शन

History 29th June: आज मनाया जाता है राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस, जानें Apple के पहले iPhone की कहानी

History 29th June: आज मनाया जाता है राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस, जानें Apple के पहले iPhone की कहानी

History 28th June: आज ही के दिन भड़की थी पहले विश्व युद्ध की चिंगारी, जानें इतिहास

History 28th June: आज ही के दिन भड़की थी पहले विश्व युद्ध की चिंगारी, जानें इतिहास

History 27th June: चॉकलेट वेंडिंग मशीन को देखकर आया था ATM मशीन बनाने का ख्याल, जानें आज का रोचक इतिहास

History 27th June: चॉकलेट वेंडिंग मशीन को देखकर आया था ATM मशीन बनाने का ख्याल, जानें आज का रोचक इतिहास

History 26th June: हैरी पॉटर से लेकर रोजाना इस्तेमाल होने वाले टूथब्रश तक जानें आज का रोचक इतिहास

History 26th June: हैरी पॉटर से लेकर रोजाना इस्तेमाल होने वाले टूथब्रश तक जानें आज का रोचक इतिहास

History 25th June: 25 जून साल 1975... जिस दिन लिखी गई 'आपातकाल' की पटकथा

History 25th June: 25 जून साल 1975... जिस दिन लिखी गई 'आपातकाल' की पटकथा

History 24th June: युद्ध मैदान में शहीद हुई थीं रानी दुर्गावती, Test में बना भारत का दूसरा सबसे कम स्कोर

History 24th June: युद्ध मैदान में शहीद हुई थीं रानी दुर्गावती, Test में बना भारत का दूसरा सबसे कम स्कोर

History 23th June: जब एयर इंडिया के विमान में रखे बम ने ली 329 लोगों की जान, देखें इतिहास

History 23th June: जब एयर इंडिया के विमान में रखे बम ने ली 329 लोगों की जान, देखें इतिहास

UGC-NET एग्जाम में गड़बड़ी को देखने वाली 'I4C' आंख' को जानते हैं आप?

UGC-NET एग्जाम में गड़बड़ी को देखने वाली 'I4C' आंख' को जानते हैं आप?

गर्लफ्रेंड सफल, पर खुद पास नहीं कर पाया NEET...अतुल वत्स्य ऐसे बना सॉल्वर गैंग का सरगना

गर्लफ्रेंड सफल, पर खुद पास नहीं कर पाया NEET...अतुल वत्स्य ऐसे बना सॉल्वर गैंग का सरगना

Editorji Technologies Pvt. Ltd. © 2022 All Rights Reserved.