हाइलाइट्स

  • दुनिया में तेजी से फैली AIDS की बीमारी
  • गे और बायसेक्शुअल पुरुष AIDS के ज्यादा शिकार
  • Men Who Have Sex with Men का आंकड़ा मुश्किल

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World AIDS Day 2022: क्यों Gay-Bisexuals को शिकार बना रही एड्स की बीमारी? जानें चौंकाने वाला सच| Jharokha

20वीं सदी की शुरुआत में जिस वायरस ने चिंपैंजी के जरिए मनुष्यों में प्रवेश किया था आज, दुनिया में साढ़े 3 करोड़ से ज्यादा लोग उस HIV/AIDS संग जी रहे हैं.  बड़ी चिंता Gay and Bisexuals को लेकर है. आइए जानते हैं कि कैसे Gay पुरुष इसके शिकार हो रहे हैं..

World AIDS Day 2022: क्यों Gay-Bisexuals को शिकार बना रही एड्स की बीमारी? जानें चौंकाने वाला सच| Jharokha

World AIDS Day 2022 and major concerns : हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस होता है. विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) दुनिया का पहला वैश्विक स्वास्थ्य दिवस था. इसकी शुरुआत 1988 में की गई थी. यह दुनिया भर के लोगों के लिए HIV के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने, HIV से पीड़ित लोगों के लिए समर्थन दिखाने और AIDS की वजह से जान गंवाने वालों को याद करने का अवसर है.

आज युनाइटेड किंगडम में 105,000 से अधिक लोग HIV के साथ जी रहे हैं. दुनिया भर में लगभग साढ़े 3 करोड़ से ज्यादा लोग इस बीमारी के शिकार हैं. इस लेख / वीडियो में हम Gay और Bisexuals पुरुषों में एड्स बीमारी के प्रभाव को जानेंगे. हम समझेंगे कि किस तरह गे और बायसेक्शुअल पुरुषों (Gay and Bisexual Men) में इस बीमारी का प्रभाव बढ़ रहा है...

चिंपैंजी के जरिए मनुष्यों में पहुंचा HIV || HIV infected humans through chimpanzees

20वीं सदी की शुरुआत में जिस वायरस ने चिंपैंजी के जरिए मनुष्यों में प्रवेश किया था आज, दुनिया भर में साढ़े 3 करोड़ से ज्यादा लोग उस HIV / AIDS के साथ जी रहे हैं. मेडिकल कम्युनिटी, पॉलीटीशियंस और तमाम ऑर्गनाइजेशंस ने इस वायरस के खिलाफ लड़ाई में अविश्वसनीय तरक्की हासिल की है. दुनिया भर के कई देशों में संक्रमण दर या तो गिर गई है या स्थिर हो गई है, लेकिन फिर भी हमें अभी लंबा रास्ता तय करना है.

AIDS से मतलब एक्वार्ड इम्यून डेफिशियेंसी सिंड्रोम (Acquired Immunodeficiency Syndrome) है. AIDS एक वायरस से फैलता है जिसे ‘ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी वायरस’ (Human Immunodeficiency Virus) या HIV कहा जाता है.

गे और बायसेक्शुअल पुरुष AIDS के ज्यादा शिकार || Gay and bisexual men more victims of AIDS

ऐसे युवा जो बेघर हैं और इसमें से वे दो लेज्बियन, गे या बायसेक्शुअल (Lesbian, Gay and Bisexual) होते हैं, वे हमेशा से समाज में हाशिए पर रहते हैं और बीमारी को इसी ग्रुप में मिलता है खाद और पानी.. इन तीनों ही ग्रुप में हमेशा एड्स का खतरा सबसे ज्यादा रहता है. यूरोप और अमेरिका में ये समस्या बेहद जटिल है.

होमलेस लोगों के व्यवहार में कई ऐसी आदतें होती हैं जो बीमारी को न्यौता देती हैं. Ebner and Laviage, 2003 की रिपोर्ट में ये तथ्य सामने आया था कि बेघर लोग ऐसे कामों में शामिल होते हैं जिनसे एड्स इंफेक्शन (AIDS Infection) होने के चांस ज्यादा होते हैं.

सेक्शुअल हेल्थ रिस्क और प्रोटेक्टिव फैक्टर्स में अंतर का पता लगाने के लिए डिज़ाइन किए गए एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि गे और बायसेक्शुअल होमलैस युवाओं में एड्स और उसके इलाज के मामले ज्यादा पाए गए. Solorio et al., 2006 की स्टडी में भी यही बात कही गई.

न्यू यॉर्क टाइम्स में छपा आर्टिकल- Rare Cancer Seen in 41 Homosexuals

किसी भी अखबार में एड्स के बारे में लिखी गई पहली खबर न्यू यॉर्क नेटिव (New York Native) में छपी. यह एक गे बायवीकली पब्लिकेशन (Gay Biweekly Magazines) था. इसमें मई 1981 में अमेरिका में फैल रहे "गे कैंसर" की अफवाहों को कम करने की कोशिश की.

इसी साल न्यू यॉर्क टाइम्स ने एक आर्टिकल छापा- “Rare Cancer Seen in 41 Homosexuals,” इस आर्टिकल ने LGBTQ+ कम्युनिटी के अंदर खतरे की घंटी बजा दी. इस आर्टिकल ने जिस बात को हवा दी उसने दशकों तक इस कम्युनिटी को लेकर समाज का रवैया बदल दिया.

दुनिया में तेजी से फैली AIDS की बीमारी || AIDS disease spread rapidly in the world

1995 तक, AIDS 25 से 44 वर्ष की उम्र के अमेरिकियों की मौत की अहम वजह बन चुका था. रूस, यूक्रेन और पूर्वी यूरोप के अन्य हिस्सों में AIDS के नए मामले सामने आ रहे थे. वियतनाम, कंबोडिया और चीन ने भी इससे जुड़े मामले तेजी से बढ़ने लगे थे. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि केवल 1996 में 25 वर्ष से कम उम्र के रोगियों में 3 करोड़ नए संक्रमण दर्ज किए गए थे.

आज तक, अमेरिकियों की कल्पना में एचआईवी मुख्य रूप से समलैंगिक पुरुषों के साथ ही जुड़ा हुआ है. HIV को दिखाने वाले ऐड में अक्सर ही श्वेत पुरुषों को ही दिखाई देते हैं. “four Hs” की धारणा भी अमेरिका में दिखाई देती है जिसका मतलब है homosexuals, Haitians, heroin users और hemophiliacs.

अमेरिका में एचआईवी से पीड़ित आधे से अधिक लोग गे और बायसेक्शुअल पुरुष हैं. Centers for Disease Control and Prevention (सीडीसी) के अनुसार:

अमेरिका में 2017 में एचआईवी पॉजिटिव (HIV Positive) होने वाले हर चार लोगों में से मोटे तौर पर तीन ऐसे पुरुष थे जिन्होंने पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाए थे.

सभी अमेरिकी गे और बायसेक्शुल पुरुषों (gay and bisexual men) में HIV होने का आजीवन जोखिम ज्यादा है.

अश्वेत गे और बायसेक्शुअल पुरुषों (दो में से एक) और लैटिनक्स गे और बायसेक्शुअल पुरुषों (चार में से एक) के बीच लाइफटाइम HIV जोखिम और भी ज्यादा है.

HIV पेशेंट के साथ रहने वाले लगभग 17% गे और बायसेक्शुअल लोगों का इलाज भी नहीं हुआ है.

Men Who Have Sex with Men का आंकड़ा मुश्किल

दुनिया भर में ऐसे पुरुषों की संख्या का निर्धारण करना मुश्किल है जिन्होंने किसी दूसरे पुरुष के साथ सेक्स रिलेशन बनाया है. हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि कम से कम 3% और ज्यादा से ज्यादा 16% पुरुषों ने कम से कम एक बार किसी पुरुष के साथ सेक्स जरूर किया है.

इस आंकड़े में पुरुषों के अलावा यौन शोषण के शिकार लोग भी शामिल हैं जो मजबूरी में या स्वेच्छा से पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि दुनिया भर में 6-20% पुरुष अपने जीवनकाल में किसी समय अन्य पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं. MSM यानी Men Who Have Sex with Men ऐसे पुरुषों के लिए ही इस्तेमाल वाला टर्म है.

पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों (MSM) में HIV संक्रमण दुनिया भर में हाल के वर्षों में बढ़ रहा है, खासकर एशिया में. यह वैश्विक रुझान भारत में भी देखा जा रहा है, MSM के बीच वर्तमान अनुमानित HIV प्रसार 7 और 16.5 प्रतिशत के बीच है.

हालांकि भारत में National AIDS Control Program के तहत कॉन्डम का डिस्ट्रिब्यूशन, एजुकेशन, काउंसलिंग, टेस्टिंग पर जोर रहा है. लेकिन अब भी बहुत काम किया जाना बाकी है.

बात करें यूएस की तो गे और समलैंगिंक पुरुष (Gay and Bisexual Men) HIV से सबसे अधिक प्रभावित आबादी हैं. Centers for Disease Control and Prevention (CDC) के मुताबिक, 2019 में नए HIV केसों में गे और बायसेक्शुअल पुरुषों की संख्या 69% थी..

AIDS बीमारी का फीमेल सेक्शुअल ट्रांसमिशन

कई बार बात फीमेल टु फीमेल सेक्शुअल ट्रांसमिशन (Female Sexual Transmission) पर भी होती है. इस मुद्दे पर विचार करते समय इस बात को जांचना जरूरी है कि उन महिलाओं में केस किस तरह का रहा जिन्हें लेस्बियन के रूप में पहचान मिली है. अमेरिका में फीमेल टु फीमेल ट्रांसमिशन (Female to Female Transmission) की कोई खास जानकारी नहीं मिली.

1991 में 144 महिलाओं के HIV पॉजिटिव होने की बात सामने आई, हालांकि इसमें से सिर्फ 3 ही ऐसी थी जिन्होंने महिलाओं से सेक्स किया था. बाकी महिलाओं में ये बीमारी पुरुषों के साथ वजाइनल इंटरकोर्स या ड्रग्स लेने वाली सिरिंज के इस्तेमाल से पहुंची.

इटली में भी एक ऐसी ही स्टडी की गई. लेज्बियन पार्टनर के साथ रिलेशन से पहले 18 महिलाएं अपने पतियों के साथ रिश्ते में थीं. इन महिलाओं में भी ऐसे किसी संक्रमण को नहीं पाया गया.

गे और बायसेक्शुअल पुरुषों को HIV संक्रमण के जोखिम में डालने वाले कारण

अप्राकृतिक सेक्स : ज्यादातर गे और बायसेक्शुअल पुरुष HIV के शिकार तब होते हैं जब वे कॉन्डम का इस्तेमाल किए बिना अप्राकृतिक सेक्स करते हैं. अप्राकृतिक सेक्स एचआईवी संक्रमण या इसे दूसरों तक पहुंचाने के लिए सबसे जोखिम भरा तरीका है.

होमोफोबिया, समाजिक बंधन और भेदभाव: समाज में समलैंगिकता को लेकर नकारात्मक रवैया है और इसीलिए गे और बायसेक्शुअल्स मेडिकल ट्रीटमेंट लेने या टेस्ट कराने में भी हिचकते हैं.

एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिए गे और समलैंगिक पुरुष क्या कदम उठा सकते हैं?

कम जोखिम भरा यौन व्यवहार चुनें

अपने सेक्स पार्टनर की संख्या सीमित करें

हर बार जब आप सेक्स करें तो कॉन्डम का सही तरीके से इस्तेमाल करें

एचआईवी के लिए परीक्षण करवाएं

गे और बायसेक्शुअल पुरुषों को कितनी बार करानी चाहिए HIV की जांच?

सेक्शुअली एक्टिव गे और समलैंगिक पुरुषों को साल में कम से कम एक बार एचआईवी की जांच जरूर करानी चाहिए. कुछ सेक्शुअली ऐक्टिव गे और समलैंगिक पुरुषों (जिनके एक से अधिक साथी हैं या उन लोगों के साथ आकस्मिक यौन संबंध रखते हैं जिन्हें वे नहीं जानते हैं) को ज्यादा बार ये जांच करानी चाहिए, मसलन हर 3 से 6 महीने में

आइए अब जानते हैं कि एड्स/एचआईवी क्या है? || What is AIDS/HIV?

मानव में एचआईवी के साथ संक्रमण का पुराना ज्ञात मामला 1959 में कांगो के किनशासा में एकत्रित रक्त के नमूने में पाया गया था. इस रक्त नमूने के अनुवांशिक विश्लेषण से पता चला है कि 40 के आखिर में या 1950 के दशक की शुरुआत में एचआईवी-। किसी एक वायरस से जन्मा हो.

1983 में, वैज्ञानिकों ने उस वायरस की खोज की थी जिससे एड्स होता है. एक अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक समिति द्वारा पहले वायरस को एचटीएलवी-।।।/एलएवी (मानव टी-सेल लिम्फोट्रोपिक वायरस-टाइप ।।।/लिम्फैडेनोपैथी से संबंधित वायरस) नाम दिया गया, बाद में इसे एचआइवी (ह्यूमन इम्यूनोडडेफिशियेंसी वायरस) में बदल दिया गया.

कई सालों तक वैज्ञानिकों ने इस बारे में पता लगाया कि एचआईवी जन्मा कैसा और यह मानव शरीर में कैसे पहुंचा. ज्यादातर मत है कि एचआईवी दूसरे वन्य जीवों (प्राइमेट्स) में पैदा हुआ है. फिर 1999 में, शोधकर्ताओं की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने बताया कि उन्होंने एचआईवी-1 की उत्पत्ति की खोज की है, जो विकसित दुनिया में एचआईवी का प्रमुख कारण है.

पश्चिमी इक्वेटर अफ्रीका के मूल चिम्पैंजी की उप-प्रजाति को वायरस के मूल स्त्रोत के रूप में पहचाना गया. शोधकर्ताओं का मानना है कि शिकारियों के दूषित खून से संक्रमण फैला और इसी वजह से एचआईवी-1 मानव आबादी में प्रवेश कर गया था.

एचआईवी से एड्स होने में कितना समय लगता है? || How long does it take for HIV to become AIDS?

1996 से पहले, वैज्ञानिकों को अनुमान था कि एचआईवी वाले लगभग आधे लोगों में संक्रमित होने के 10 वर्षों के भीतर एड्स विकसित हो जाता है. यह काफी हद तक व्यक्ति से व्यक्ति पर निर्भर करता है और किसी व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और उनके स्वास्थ्य से संबंधित व्यवहार सहित कई कारकों पर निर्भर होता है.

1996 से शक्तिशाली एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी की शुरुआत ने एचआईवी संक्रमण और एड्स होने के बीच की अवधि में परिवर्तन किया है. ऐसे दूसरे मेडिकल ट्रीटमेंट्स भी हैं जो एड्स से जुड़ी कुछ बीमारियों को रोक सकते हैं, हालांकि ये इलाज एड्स को ठीक नहीं करते हैं.

एचआईवी संक्रमण से एड्स कैसे होता है? || How does HIV infection cause AIDS?

एचआईवी शरीर के संक्रमण और बीमारी से लड़ने वाली हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है और धीरे-धीरे इसे कमजोर करता है. एचआईवी से पीड़ित व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती जाती है और उसे स्वास्थ्य समस्याएं घेरने लगती हैं. इसकी शुरुआत छोटी बीमारियों जैसे त्वचा की बीमारियों या खमीर संक्रमण के रूप में हो सकती है लेकिन समय के साथ बीमारियां गंभीर होने लगती हैं. किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित करने के लिए एचआईवी होने में कितना समय लगता है, वह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में व्यापक रूप से अलग होता है.

एचआईवी से संक्रमण कैसे होता है? || How HIV transmitted?

एचआईवी एक नाजुक वायरस है जो शरीर के बाहर जीवित नहीं रहता है. यही कारण है कि आप शौचालय सीटों या व्यंजन या बर्तन शेयर करने से एचआईवी से संक्रमित नहीं हो सकते हैं. ठंड या फ्लू की तरह एचआईवी हवा के जरिए नहीं फैलता है.

एचआईवी, संक्रमित शरीर के तरल पदार्थ में एचआईवी-संवेदनशील कोशिकाओं तक पहुंचता है. एचआईवी चुंबन, mutual masturbation या inserting fingers into the vagina or anus से नहीं फैलता है. एचआईवी शरीर के तरल पदार्थ जैसे लार, पसीना या पेशाब से भी नहीं फैलता है.

शरीर के 5 तरल पदार्थ हैं जिनके द्वारा HIV किसी व्यक्ति को संक्रमित कर सकता हैः-

- खून
- वीर्य
- योनि तरल पदार्थ (मासिक धर्म तरल पदार्थ सहित)
- rectal fluid
- स्तन का दूध

किसी को कैसे पता चलेगा कि उसे HIV है या नहीं? || How to identify if anyone has AIDS or not?

कोई कैसे दिखता है अथवा कैसा महसूस करता है, इससे आप HIV के बारे में नहीं बता सकते. आप दूसरे किसी व्यक्ति को देखकर यह नहीं बता सकते कि उसे एचआईवी है या नहीं. एचआईवी वाले लोग कई सालों से स्वस्थ दिख सकते हैं और महसूस कर सकते हैं.

ब्लड टेस्ट यह जानने का एकमात्र तरीका है कि किसी को एचआईवी है या नहीं. इस टेस्ट को ‘‘एचआईवी टेस्ट’’ या ‘‘एचआईवी एंटीबॉडी टेस्ट’’ के रूप में जाना जाता है. परीक्षण यह नहीं बताता है कि किसी को एड्स है या नहीं, यह केवल यही बताता है कि बॉडी में एचआईवी संक्रमण है या नहीं.

चलते चलते 1 दिसंबर को हुई दूसरी घटनाओं पर भी एक नजर डाल लेते हैं

1640 - स्पेन से 60 वर्षों की गुलामी के बाद पुर्तगाल स्वतंत्र हुआ
1955 - प्लेबैक सिंगर उदित नारायण का जन्म हुआ
1963 - नागालैंड भारत का 16वां राज्य बना
1974 - वर्जीनिया के अपरविले में बोइंग 727 विमान दुर्घटनाग्रस्त, 92 की मौत
1980 - क्रिकेटर मोहम्मद कैफ का जन्म हुआ

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