हिंदू धर्म में शादी के दौरान बहुत-सी रस्मों के साथ एक रस्म ये भी है. जब दुल्हन पहली बार सुसराल में एंट्री करते समय चावल से भरे कलश को पैर से गिराती है
ससुराल में पहली बार कदम रखने से पहले हिंदू धर्म में दुल्हन गृह प्रवेश की रस्म निभाती हैं. जिसमें थाप लगाना, कलश गिराना वगैरह शामिल है.
चावल यानी अक्षत को पूजा-पाठ में स्थिरता का प्रतीक माना जाता है. इसलिए कलश में अक्षत को रखा जाता है. चावल अच्छे से जमीन पर बिखर भी सकते हैं.
दुल्हन को लक्ष्मी का प्रतीक मानकर चावल वाले कलश को पैर से गिराया जाता है, जिससे लक्ष्मी जी के शुभ चरण घर मे आए.
घर में सुख-समृद्धि और धन वैभव बनाए रखने के लिए लक्ष्मी रुपी दुल्हन से ये रस्म पूरी कराई जाती है.
जब पैर से कलश गिराती है दुल्हन तो चावल चारो ओर फैल जाते हैं तो ये माना जाता है कि सुख-समृद्धि भी घर में चारों तरफ फैल गई है.