अक्सर चोट के कारण स्किन पर डार्क स्पॉट्स हो जाते हैं. इसे पोस्ट इंफ्लेमेटरी हाइपरपिग्मेंटेशन कहते हैं.
ज्यादा यूवी एक्सपोज़र के कारण स्किन डैमेज हो जाती है और त्वचा पर ब्राउन स्पॉट्स दिखने लगते हैं. इसे एज स्पॉट्स भी कहा जाता है.
रेटिनॉइड स्किन के लिए फायदेमंद होता है. हाइपरपिग्मेंटेशन से राहत पाने के लिए आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या को कम करने के लिए सनस्क्रीन लगाना चाहिए. सनस्क्रीन से टैनिंग नहीं होती है.
लेजर थेरेपी के जरिए भी आप हाइपरपिग्मेंटेशन को कम कर सकते हैं. हालांकि, यह ट्रीटमेंट महंगा हो सकता है.
सही स्किन केयर के जरिए भी आप हाइपरपिग्मेंटेशन को लाइट कर सकते हैं. साथ ही, चेहरे पर नैचुरल चीजों का इस्तेमाल करें.
स्किन लाइटनिंग क्रीम भी हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या को कम कर सकती है. इसके इस्तेमाल से स्किन टोन इवन रहता है.
हाइपरपिग्मेंटेशन होने पर केमिकल पील्स ट्रीटमेंट लें. इसमें स्किन के टेक्सचर को स्मूद किया जाता है.