इस साल लोक आस्था के इस महापर्व की शुरुआत 17 नवंबर से हो रही है जिसका समापन 20 नवंबर को होगा
पुराणों के अनुसार, छठ पर्व की शुरुआत महाभारत काल से हुई थी. इसे सबसे पहले सूर्य के पुत्र कर्ण ने शुरू किया था.
कहा जाता है कि कर्ण भगवान सूर्य के परम भक्त थे और वो रोज घंटों तक पानी में खड़े होकर अर्घ्य देते थे. सूर्य की कृपा से ही वो महान योद्धा बने.
छठ पूजा की एक कथा द्रौपदी से भी जुड़ी है. मान्यताओं के मुताबिक, जब पांडव सारा राजपाठ जुए में हार गए, तब द्रोपदी ने छठ व्रत रखा था.
इस व्रत से उनकी मनोकामना पूरी हुई थी और पांडवों को सब कुछ वापस मिल गया.
वहीं लोक परंपरा के अनुसार, सूर्य देव और छठी मईया का संबंध भाई-बहन का है. इसलिए छठ के मौके पर सूर्य की आराधना फलदायी मानी गई है.