छठ पूजा के दौरान वर्ती महिलाएं कोरा साड़ी यानी नए कपड़े पहनती है. बिहार के कुछ जगहों पर बिना सिले हुए कपड़े ही पहनने की मान्यता है
ये परंपरा काफी सदियों से चलती आ रही है यही वजह है कि महिलाएं पूजा के दौरान सूती साड़ी पहनती है. सिला हुआ होने के कारण वो ब्लाउज नहीं पहनतीं
वहीं, अगर कोई पुरुष छठ व्रत करता है तो उसे धोती पहनने की परंपरा है
अगर छठ का व्रत एक बार शुरू कर दिया जाए तो इस बीच में नहीं छोड़ना होता है
ये व्रत तब तक किया जाता है जब तक की परिवार की अगली पीढ़ी की कोई महिला इस व्रत को करना शुरू ना कर दें.
छठ पूजा में महिलाएं नाक से मांग तक सिंदूर लगाती हैं. इस पूजा में 3 तरह के सिंदूर का इस्तेमाल होता है. पहला सुर्ख लाल, दूसरा पीला और तीसरा मटिया सिंदूर