दिल्ली में हवा गंभीर श्रेणी में है. अब यमुना नदी का पानी भी खराब हो गया है. यमुना नदी की सतह पर जहरीला झाग उतरा रहा है. जिसकी मुख्य वजह केमिकल है.
यमुनोत्री से निकली यमुना नदी 1400 किमी. दूर प्रयागराज के संगम तक जाती है. इसका 2 फीसदी हिस्सा दिल्ली में बहता है, जो करीब 75% यमुना को दूषित करता है.
19 नवंबर को छठ पूजा है. बर्फ से दिख रहे जहरीले झाग में ही महिलाएं पूजा करने को मजबूर हैं.
दिल्ली के सैकड़ों छोटे-बड़े नालों का पानी यमुना में गिरता है. इस पानी को साफ करने के लिए सभी नालों पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट अब तक नहीं लगवाया गया.
दिल्ली सरकार ने साल 2023 में 9 सूत्रीय कार्य योजना बनाई. करोड़ों रुपये आवंटित किए. 2018-2021 तक 200 करोड़ आवंटित हुए, लेकिन नतीजा शून्य रहा.
हरियाणा के सोनीपत-पानीपत से इंडस्ट्रियल वेस्ट यमुना में छोड़ा जाता है. मथुरा रिफाइनरी से निकला पेट्रोलियम बेस्ड हाइड्रोकार्बन भी यमुना में मिलता है.
दिल्ली में यमुना किनारे 65 हजार झुग्गियां हैं, यहां करीब 4 लाख की आबादी रहती है. यमुना में 600 टन कचरा गिरता है. आस-पास के लोग ज्यादा प्रभावित हैं.