कोरोना के खिलाफ वैक्सीन की सबसे कारगर हथियार है...लेकिन हर आपदा में अवसर ढूंढने वाले जालसाजों ने वैक्सीनेशन में भी फ्रॉड करने का तरीका निकाल लिया है. कोलकाता से लेकर मुंबई तक आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. आम लोग तो छोड़िए सांसद तक इसके शिकार हो रहे हैं. हाल ही में TMC सांसद मिमी चक्रवर्ती नकली वैक्सीन लगाए जाने की वजह से बीमार भी पड़ गईं. जाहिर है कि मामला बेहद गंभीर है क्योंकि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलाया जा रहा है, ऐसे में असली और नकली वैक्सीन की पहचान करना बेहद जरूरी है. हम आपको बताते हैं कि कैसे बच सकते हैं आप फर्जीवाड़े से? वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को कैसे जांच सकते हैं? वैक्सीनेशन के नाम पर दुनियाभर में किस तरह से फर्जीवाड़ा हो रहा है? आइए समझते हैं-
सबसे पहले जानते हैं भारत में कहां-कहां फर्जी वैक्सीनेशन का मामला सामने आया?
हेडर: भारत में वैक्सीनेशन फ्रॉड
मुंबई के हीरानंदानी हेरिटेज सोसायटी में 30 मई को लगा कैंप
390 लोग बने शिकार, वैक्सीन सर्टिफिकेट से हुआ खुलासा
बंगाल की TMC सांसद मिमी चक्रवर्ती भी फर्जीवाड़े का शिकार हुईं
खुद को IAS अफसर बताकर एक शख्स ने कई वैक्सीनेशन कैंप लगाए
पुलिस जांच में पता चला- वैक्सीन की जगह एंटीबायोटिक का डोज दिया
आप सोच रहे होंगे तो भारत में तो ऐसे फर्जीवाड़े होते रहते हैं तो आप गलत हैं. दुनिया के कई देशों में कोरोना वैक्सीन को लेकर फर्जीवाड़े की शिकायत आईं है, उनमें से कुछ चुनिंदा मामलों को जान लेते हैं.
दुनिया के दूसरे देशों में भी हो रहा है फ्रॉड
अमेरिका में भी फर्जी वैक्सीनेशन देने की कई शिकायतें
ईबे, शॉपीफाय और दूसरी ई-कॉमर्स साइट पर बिकने लगीं वैक्सीन
मैक्सिको में 80 लोगों को फाइजर की नकली वैक्सीन लगा दी गई
पोलैंड में फाइजर वैक्सीन की जगह झुर्रियां मिटाने की दवा लगाई
चीन में हजारों नकली वैक्सीन जब्त, पुलिस ने 80 लोगों को पकड़ा
अब जान लेते हैं कि इस तरह के फर्जीवाड़े से कैसे बचें? क्या हैं वे सावधानियां जिन पर अमल कर हम फर्जी वैक्सीनेशन का शिकार बनने से बच सकते हैं. सबसे पहले जान लेते हैं कि असली-नकली वैक्सीन की पहचान कैसे होती है
हेडर: असली-नकली वैक्सीन कैसे पहचानें?
वायल के लिक्विड में ग्लूकोज के पानी की तरह कुछ तैरता दिखे तो वो नकली है
वायल पर ठीक तरीके से लेबल ना लगा हो या पूरी तरह से गायब हो
लेबल पर एक्सपायरी डेट या फिर स्टोरेज की सूचना ना हो
वैक्सीन लगने के 5 मिनट के बाद आपको कंफर्मेशन मैसेज आएगा
1 घंटे में कोविन पोर्टल पर सर्टिफिकेट भी अपलोड हो जाता है
नकली वैक्सीन लगी है तो कोई भी पोस्ट वैक्सीनेशन सिंप्टम्स नहीं होंगे
वैक्सीन लगने के बाद 80% लोगों में साइड इफेक्ट दिखाई देते हैं
वैक्सीन लगने के एक महीने बाद आप एंटीबॉडी टेस्ट भी करा सकते हैं
हेडर: वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के वक्त क्या ध्यान रखने की जरूरत है?
केवल कोविन ऐप या पोर्टल से ही वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन करें
दूसरे किसी ऐप या वेबसाइट को ना खोलें, ना ही अपनी जानकारी दें
कोविन पोर्टल की लिंक- https://www.cowin.gov.in/home
कोविन ऐप डाउनलोड करने के लिए लिंक- https://play.google.com/store/apps/details?id=com.cowinapp.app
रजिस्ट्रेशन के वक्त अपना ही मोबाइल नंबर एंटर करें
OTP को वैक्सीन लगवाने के पहले स्वास्थ्यकर्मी को बताना होगा
हेडर: वैक्सीन के सर्टिफिकेट को कैसे जांचें?
वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर एक QR कोड होता है जिसे स्कैन करें
सर्टिफिकेट पर आपका नाम, उम्र और वैक्सीन लगाने का समय होगा
सर्टिफिकेट पर वैक्सीनेशन सेंटर और स्वास्थ्य कर्मी का भी नाम होगा