देवभूमि उत्तराखंड (Devbhoomi Uttarakhand) में लगातार दो दिनों तक हुई बारिश (unseasonal rain) और लैंडस्लाइड की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है. जिसकी वजह से अब तक 47 लोगों की मौत हो चुकी है. सबसे ज्यादा नुकसान नैनीताल, हल्द्वानी, ऊधम सिंह नगर और चंपावत ( Nainital, Haldwani, Udham Singh Nagar, Champawat) जिले में हुआ है. अकेले नैनीताल में ही 28 लोगों की मौत हुई है जबकि अल्मोड़ा एवं चंपावत में 12 लोगों की मौत हुई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी(Pushkar Singh Dhami) ने सभी मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपए मुआवजा और जिनके घर टूटे हैं उन्हें 1 लाख 9 हजार रुपए सहायता राशि देने का ऐलान किया है.
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इससे पहले मंगलवार को CM धामी ने बाजपुर, रामनगर, किच्छा और सितारगंज में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे किया. इस दौरान उनके साथ राज्य के मंत्री धन सिंह रावत और राज्य के DGP अशोक कुमार भी मौज़ूद थे. मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता है कि लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया जाए.
बता दें कि भारी बारिश के कारण राज्य में ज्यादातर नदियां उफान पर हैं. SEOC के मुताबिक हरिद्वार (Haridwar) में गंगा का जलस्तर 293.90 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 294 मीटर से एक डिग्री नीचे है. पिथौरागढ़ में काली और सरयू नदियां क्रमश: 890 मीटर और 453 मीटर के खतरे के निशान पर पहुंच गई हैं. गोरी नदी 606.75 मीटर पर खतरे के निशान के करीब बह रही है.