Uma Bharti का आपत्तिजनक बयान, बोलीं- ब्यूरोक्रेसी कुछ नहीं होती, चप्पल उठाती है हमारी...

Updated : Sep 20, 2021 17:10
|
Editorji News Desk

Uma Bharti on Bureaucracy: उमा भारती का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है, साथ ही इसपर विवाद भी खड़ा हो गया है. सक्रिय राजनीति से दूरी बना चुकीं उमा भारती इस वायरल वीडियो (Viral Video) में कहती हुई देखी और सुनी जा सकती हैं कि - "आपको गलतफहमी है... ब्यूरोक्रेसी कुछ नहीं होती है, चप्पल उठाने वाली होती है. चप्पल उठाती है हमारी..." 

ये भी पढ़ें । AIMIM के चीफ ओवैसी का ऐलान- गुजरात में भी लड़ेगे चुनाव, सीटों का फैसला पार्टी की प्रदेश यूनिट करेगी

रविवार को भोपाल में अपने घर पर OBC महासभा के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान उमा भारती ने कहा- "ब्यूरोक्रेसी कुछ नहीं होती, उनकी औकात क्या है. आपको क्या लगता है कि ब्यूरोक्रेसी नेता को घुमाती है. नहीं-नहीं अकेले में बात हो जाती है पहले, फिर ब्यूरोक्रेसी फाइल बनाकर लाती है. हमसे पूछिए 11 साल केंद्र में मंत्री रहे हैं, मुख्यमंत्री रहे हैं. पहले हमसे बात होती है डिस्कशन होता है फिर फाइल प्रोसेस होती है. सब फालतू की बातें हैं कि ब्यूरोक्रेसी घुमाती है. घुमा ही नहीं सकती, उनकी औकात क्या है, हम उन्हें तनख्वाह दे रहे हैं, हम उन्हें पोस्टिंग दे रहे हैं, हम उन्हें प्रमोशन और डिमोशन दे रहे हैं. उनकी कोई औकात नहीं है. असली बात है कि हम ब्यूरोक्रेसी के बहाने से अपनी राजनीति साधते हैं."

उमा भारती के इस बयान पर कई वरिष्ठ IAS अधिकारीयों ने आपत्ति जताई है और खबर ऐसी भी है कि उनकी इस टिप्पणी की शिकायत IAS Association के मार्फ़त सरकार को भी की जायेगी. 

 

Uma bhartiBureaucratsBJP

Recommended For You

editorji | भारत

Arvind Kejriwal Arrest: CM केजरीवाल के मामले में दिल्ली HC का CBI को नोटिस, कब होगी अगली सुनवाई?

editorji | भारत

Rahul Gandhi in Hathras: 'प्रशासन की कमी तो है और गलतियां हुई हैं...' पीड़ित परिवारों से मिलकर बोले राहुल

editorji | भारत

Rahul Gandhi: राहुल गांधी ने हाथरस पीड़ितों से की मुलाकात, दुख-दर्द बांटते दिखे लोगों का Video सामने आया

editorji | भारत

Hathras Stampede: नेता विपक्ष Rahul Gandhi हाथरस के लिए रवाना, भगदड़ प्रभावितों से करेंगे मुलाकात

editorji | भारत

Hemant Soren आज ही लेंगे झारखंड के CM पद की शपथ, बोले- 'लोकतंत्र विरोधी साज़िश का अंत'