क्या आपको पता है तमिलनाडु (Tamilnadu Assembly Election) के चुनाव में बिरयानी का भी एक अहम योगदान होता है...! जी हां, बिना बिरयानी और शराब के उम्मीदवार भीड़ को इकट्ठा ही नहीं कर पाते हैं. लेकिन इस बार बिरयानी पर चुनाव आयोग (Election Comission) की पैनी नजर है. यानी अगर खाने पर ज्यादा पैसे उड़ाए तो चुनाव आयोग एक्शन लेगा. यही कारण है कि नेताओं ने बिरयानी पर हो रहे लाखों के खर्च घटा दिए हैं और बिरयानी का बाजार मंदा हो पड़ा है.
होटल और प्राइवेट कैटरर्स के मुताबिक पिछले 10 साल का ट्रेंड देखें तो हर दिन लगभग 300 पैकेट बिरयानी की बिक्री हो जाती थी. यह धंधा चुनाव प्रचार शुरू होने के पहले दिन से चुनाव खत्म होने-होने तक जमकर चलता था. इस बार हालत यह है कि किसी भी बड़ी पार्टी की तरफ से एक भी बड़ा ऑर्डर नहीं मिला है. बिजनेस पूरी तरह से चौपट है.