सरकार और किसानों के बीच लंबे वक्त से चल रही बातचीत का कोई हल ना निकलने पर आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने नए कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा दी है. चीफ जस्टिस ने साफ किया है कि ये रोक अनिश्चितकाल के लिए नहीं है. इसके अलावा सर्वोच्च अदालत ने अब इस मसले को सुलझाने के लिए कमेटी का गठन भी कर दिया गया है. इसमें भारतीय किसान यूनियन के जितेंद्र सिंह मान, डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, अशोक गुलाटी, कृषि विशेषज्ञ और अनिल शेतकारी शामिल हैं. चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने कहा कि यह कमिटी हमारे लिए होगी. इस मुद्दे से जुड़े लोग कमिटी के सामने पेश होंगे. कमिटी कोई आदेश नहीं देगी, न ही किसी को सजा देगी. यह सिर्फ हमें रिपोर्ट सौंपेगी. सर्वोच्च अदालत ने कहा कि हमें कृषि कानूनों की वैधता की चिंता है. साथ ही किसान आंदोलन से प्रभावित लोगों की जिंदगी और संपत्ति की भी फिक्र करते हैं. हम अपनी सीमाओं में रहकर मुद्दा सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं.