बच्चों की परवरिश के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. देश की सर्वोच्च अदालत ने कर्नाटक के एक शख्स को अपने बेटे को 18 वर्ष नहीं, बल्कि उसके स्नातक होने तक परवरिश करने को कहा है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने परिवार अदालत के आदेश को बदल दिया है. दरअसल ये मामले कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले एक कर्मचारी का है. उस कर्मचारी का साल 2005 में पहली पत्नी से तलाक हो गया था, जिसके बाद फैमिली कोर्ट ने सितंबर, 2017 में बच्चे की परवरिश के लिए उस शख्स को 20 हजार रुपये प्रति महीने देने का आदेश दिया था. इसी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि , महज 18 वर्ष तक की आयु तक ही वित्तीय मदद करना आज की परिस्थिति में पर्याप्त नहीं है, क्योंकि अब बेसिक डिग्री कॉलेज समाप्त करने के बाद ही प्राप्त होती है.