पेगासस जासूसी केस (Pegasus Spyware) में भारत की सरकार ने भले ही अब तक जांच की अनुमति नहीं दी है लेकिन फ्रांस सरकार इस मामले में सुपर एक्शन में है. फ्रांस की राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा एजेंसी ANSSI ने देश की ऑनलाइन खोजी पत्रिका मीडियापार्ट के दो पत्रकारों के फोन पर पेगासस स्पाइवेयर (Pegasus Spyware) की मौजूदगी की पुष्टि कर दी है. ये अहम इसलिए है क्योंकि पेगासस मामले में पूरी दुनिया में पहली बार किसी देश की सरकारी एजेंसी (Government Agency) ने जासूसी पर मुहर लगाई है.
दूसरी तरफ पेगासस केस के मामले में ही इजरायल के रक्षा मंत्री (Israeli Defense Minister) बेनी गैंट्ज ने फ्रांस के रक्षा मंत्री (French Defense Minister) फ्लोरेंस पार्ली से मुलाकात की है. बेनी गैंट्ज ने फ्रांस को इस मामले पर सफाई दी है और हर संभव कार्रवाई का भरोसा दिया है.बता दें कि पेगासस के द्वारा फ्रांस के राष्ट्रपति मैंक्रा का भी फोन हैक किए जाने की खबर सामने आई है.
उधर मीडियापार्ट ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि फ्रांस की साइबर सुरक्षा एजेंसी के जांच के निष्कर्ष एमनेस्टी इंटरउनेशनल (Amnesty International) की सिक्योरिटी लैब के निष्कर्षों के समान ही है. जिसमें पेगासस द्वारा जासूसी की वास्तविकता, इसके तौर-तरीकों और तारीखों के बारे में बताया गया था.
बता दें कि मीडियापार्ट उन 17 इंटरनेशनल मीडिया संगठनों में शामिल है जो इस जांच को प्रकाशित कर रहे हैं. इनकी रिपोर्ट में कहा गया है इजरायली स्पाइवेयर का इस्तेमाल मैलवेयर का उपयोग करके स्मार्टफोन को हैक करने के लिए किया गया. भारत में इस साजिश पर 'द वायर' रिपोर्ट प्रकाशित कर रहा है