Pegasus in Parliament: मॉनसून सत्र के दूसरे दिन संसद में जासूसी के मुद्दे पर खूब हंगामा हुआ. इजरायली पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए नेताओं, पत्रकारों और बिजनेसमैन की कथित जासूसी को लेकर (Pegasus Spy Case) विपक्षी दलों ने सरकार को दोनों सदनों में घेरा. सरकार से सवाल पूछे, नारेबाजी की. हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही को भी कई बार स्थगित करना पड़ा.
शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने सरकार से पूछा...
- इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि पेगासस के जरिए फोन टैप किए गए
- पेगासस सिर्फ सरकारों को बेचा जाता है, तो क्या भारत सरकार ने इसे खरीदा?
- क्या गलत तरीके से भारतीय नागरिकों के फोन को हैक किया गया?
कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल (Shakti Singh Gohil) ने पेगासस स्पाईवेयर विवाद की जांच ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) से कराने की मांग रखी. शिवसेना के सांसदों (Shiv Sena) ने भी स्पीकर से मुलाकात कर JPC से इसकी जांच कराए जाने की मांग की.
तो AAP सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) ने इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक हाई लेवल SIT के जरिए कराने की बात कही है. संजय सिंह ने रंजन गोगोई का भी मामला उठाया और कहा कि, जिस महिला ने आरोप लगाया उसका और परिवार का फोन हैक करने की बात सामने आई है. संजय सिंह ने कहा कि ये विवाद पहले अप्रैल में आया और फिर नवंबर में राफेल डील पर क्लीन चिट दी गई. उन्होंने इसे बेहद गंभीर बताते हुए इसकी सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में डीटेल जांच किए जाने की मांग की.
तो वहीं तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसदों ने प्रदर्शन कर नेताओं और पत्रकारों की जासूसी का विरोध किया. आपको बता दें कि टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी का फोन भी हैक किए जाने की खबर है.
तो वहीं बीजेपी के जगदंबिका पाल ने कहा कि ये सदन को नहीं चलने देने की विपक्ष की साजिश है, इसलिए जासूसी का बहाना बनाया जा रहा है.