आपने अपने डायट के कारण होने वाले क्लाइमेट एमिशन यानि जलवायु उत्सर्जन के बारे में तो सुना ही होगा, खास तौर से अगर आप नॉनवेजिटेरियन हैं. लेकिन अब रिसर्चर्स ने पाया है कि जो पुरुष डायट में अधिक मांस खाते हैं वो महिलाओं की तुलना में करीब 41 प्रतिशत ज़्यादा जलवायु प्रदूषित करते हैं यानि अधिक जलवायु उत्सर्जन (Climate Emission) करते हैं.
टीम ने समझाया कि ऐसा काफी हद तक इसीलिए है क्योंकि पुरुषों के खाने में अधिक मांस होता है और उतना ही अधिक पेय पदार्थ भी होता है. इसलिए उनके खाने से प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. टीम का ये भी कहना है कि, आमतौर पर भी पुरुषों की डाइट महिलाओं से ज़्यादा होती है इसलिए भी वो महिलाओं से अधिक ग्रीनहाउस गैस निकालते हैं.
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यूके की स्टडी में ये भी पता चला है कि हमारे डायट से जुड़े प्रदूषण का करीब एक चौथाई हिस्सा कॉफी, एल्कोहल और केक जैसे ऑप्शनल फूड यानि वैकल्पिक खाने की चीज़ों से होता है.
लगभग 3,200 खाद्य पदार्थों के उत्सर्जन का आंकलन करते हुए, पीएलओएस वन में छपी स्टडी से पता चलता है कि एनिमल बेस्ड फूड प्रोडक्ट्स औसत डायट का लगभग आधा ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन करते हैं, जिसमें मांस से 31% और डेयरी से 14%, पेय पदार्थों से 15% और मीठे कन्फेक्शनरी से 8% उत्सर्जन होता है
स्टडी के निष्कर्षों के मुताबिक, अगर मांस का सेवन कम कर जलवायु उत्सर्जन को कम किया जा सकता है खासतौर से रेड मीट. इसके अलावा, मिठाइयों और ऑप्शनल ड्रिंक्स जैसी चीज़ों की कटौती भी क्लामेट एमिशन के खिलाफ सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.
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