पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह 74 वर्ष की उम्र में रविवार को दुनिया को अलविदा कह गये। जाते-जाते वह अपने दोस्त या नेता लालू प्रसाद से विदा ले गये। उन्होंने तीन दिन पहले ही राजद प्रमुख लालू प्रसाद को सादे पन्ने पर पत्र लिखकर कहा था ‘32 वर्ष तक आपकी पीठ पर खड़ा रहा, लेकिन अब नहीं ...’। उनके उस पत्र को पार्टी से इस्तीफा मानकर लालू प्रसाद ने भी जवाब दिया ‘...आप कहीं नहीं जा रहे, समझे’। निधन के तीन दिन पहले ही उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल से 32 साल पुराना नाता तोड़ लिया था। उन्होंने आइसीयू से ही आरजेडी से इस्तीफा देने का अपना पत्र जारी कर बिहार विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सियासी हड़कंप मचा दिया था। उनका पार्थिव शरीर रविवार देर शाम पटना लाया गया, जहां से वैशाली स्थित पैतृक आवास ले जाया गया है। वेंटिलेटर पर जाने के पहले रघुवंश बाबू ने कई पत्र लिखे। सिर्फ इस्तीफे वाला पत्र एक डायरी के पन्ने पर था। शेष सभी लेटर हेड पर। पत्र उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी लिखा और उनसे कई मांगें की। सभी पत्र दस सितम्बर को ही लिखे गये थे लेकिन एक दिन के अंतराल पर जारी किया गया।