उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में हुई हिंसा (Lakhimpur Violence) मामले में किसानों की शिकायत के आधार पर दर्ज FIR के मुताबिक, यहां विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचलना केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी और उनके बेटे की एक सुनियोजित साजिश थी (Well-planned conspiracy). इसमें कहा गया है कि मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ने लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों की सभा में पहुंचकर उन पर फायरिंग की थी, जिसमें एक किसान की मौत हो गई थी.
किसानों की शिकायत के मुताबिक, रविवार को केंद्रीय मंत्री और उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य के आने पर वो लोग काले झंडे लेकर शांतिपूर्ण विरोध कर रहे थे. और दोपहर 3 बजे के करीब ये घटना हुई, जब आशीष मिश्रा अपने तीन वाहनों और 15-20 लोगों के साथ हथियारों से लैस होकर बनवारीपुर सभा स्थल की ओर बढ़े. आशीष अपनी थार महिंद्रा गाड़ी में बाईं ओर बैठे थे, वहीं से उन्होंने भीड़ पर गोली चलाई. तभी उनका वाहन लोगों के बीच जा घुसा और गोलीबारी में एक 22 वर्षीय किसान की मौत हो गई.
FIR में कहा गया है कि मंत्री के बेटे की गाड़ी ने "सड़क के दोनों ओर" किसानों को भी कुचल दिया, जिसके बाद चालक ने भी बैलेंस खो दिया और गाड़ी खाई में लुढ़क गई. इस कथित हमले में पांच लोगों की मौत हो गई थी, जिससे उग्र किसानों ने हिंसा और आगजनी की थी. हिंसा में तीन और लोगों की जान चली गई. जबकि, मंत्री का बेटा, गाड़ी से उतर गया और अपनी बंदूक से फायरिंग करते हुए गन्ने के खेत में भाग गया. दूसरी तरफ केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने ये स्वीकार कर लिया है कि किसानों को कुचलने वाली गाड़ी उनकी थी, पर इस बात से इनकार किया है उनके बेटे मौके पर थे.