देश के कई राज्यों में डेंगू के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं. जो कि चिंता का विषय है. इसे आमतौर पर हड्डी तोड़ बुखार के रूप में भी जाना जाता है. ये एक फ्लू जैसी बीमारी है, जो डेंगू वायरस के कारण होती है.
डेंगू बुखार डेंगू वायरस से इन्फेक्टेड एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. ये मच्छर तब संक्रमित हो जाता है जब वो किसी डेंगू के मरीज़ का खून चूसता है. ये वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में सीधे तौर पर नहीं फैलता है.
डेंगू संक्रमण DEN-1, DEN-2, DEN-3, और DEN-4 वायरस से फैलता है. इन चारों वायरस को सीरोटाइप कहा जाता है क्योंकि ये चारों अलग-अलग तरीके से एंटीबॉडी को प्रभावित करते हैं. आप अलग-अलग स्ट्रेन से चार बार भी डेंगू से इन्फेक्ट हो सकते हैं.
डेंगू फैलाने वाले मच्छर सबसे ज़्यादा दोपहर के समय काटते हैं. खासतौर से सूर्योदय के दो घंटे बाद और सूर्यास्त से एक घंटे पहले. हालांकि, रात के समय भी डेंगू के मच्छर एक्टिव रहते हैं, खासकर उन इलाकों में जहां अच्छी रोशनी होती है. डेंगू के मच्छरों के काटने का खतरा ऑफिस, मॉल, इनडोर ऑडिटोरियम और स्टेडियम के अंदर ज़्यादा होता है क्योंकि यहां हर समय आर्टिफिशियल लाइट्स का इस्तेमाल होता है और नेचुरल लाइट नहीं आ पाती है.
- डेंगू के लक्षण आमतौर पर इंफेक्शन होने के चार से छह दिन बाद दिखाई देने शुरू होते हैं जो 10 दिनों तक रहते हैं
- अचानक तेज़ बुखार, बहुत तेज़ सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में तेज़ दर्द
- थकान, मितली, उल्टी, त्वचा पर लाल चकत्ते और नाक या मसूड़ों से खून आना
- डेंगू के बुखार में पूरे शरीर में बहुत तेज़ दर्द होता है इसलिए कुछ लोग इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं
- डेंगू के बुखार में खूब आराम करना चाहिए
- खून में प्लेटलेट्स की नियमितरूप से जांच करवाएं
- शरीर में पानी की बिल्कुल कमी ना होने दें और खूब सारी लिक्विड डाइट लें
- इस समय नारियल पानी पीना सबसे अच्छा होता है. ये प्लेटलेट्स बढ़ाने का भी काम करता है
- डॉक्टर के संपर्क में रहें
- डेंगू का मच्छर अक्सर दिन के समय काटता है. इसलिए दिन में मच्छरों के काटने से खुद को बचाएं
- इन दिनों फुल बाजू के कपड़े और पावों में जूते पहन कर रहें. शरीर को कहीं से भी खुला ना छोड़ें
- घर के आसपास और घर के अंदर पानी ना इकठ्ठा होने दें
- कूलर, गमले, टायर में जमे पानी को भी बहा दें. कूलर में अगर पानी है तो इसे भी खाली कर लें वरना इसमें मच्छर पनप सकते हैं
- रात में सोते समय मच्छरदानी लगाना बचाव का सबसे सही तरीका है