Chicory coffee benefits: चिकरी कॉफी चिकरी प्लांट की रूट्स (Chicory plant) से बनाया जाने वाला ड्रिंक है. इसका स्वाद कॉफ़ी से काफी मिलता जुलता हुआ और साथ में नटी फ्लेवर (Coffee flavour) लिए हुए होता है.
चिकरी कॉफी के इतिहास के बारे में साफ तौर पर तो कुछ नहीं कहा जा सकता है लेकिन ऐसा माना जाता है कि 1800 के आस पास जब फ्रांस में कॉफी की भारी कमी हो गई थी तब चिकरी कॉफी अस्तित्व में आई. आज चिकरी कॉफी दुनिया भर के कई देशों में पाई जाती है और रेगुलर कॉफी के कैफीन फ्री सब्स्टीट्यूट की तरह इसका इस्तेमाल किया जाता है.
चिकरी कॉफी में डाला जाने वाला प्राइमरी इंग्रेडिएंट है चिकरी रूट्स. इसे बनाने के लिए चिकरी प्लांट की जड़ों को पीसकर रोस्ट किया जाता है और कॉफी की तरह पिया जाता है.
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रेगुलर कॉफी में कैफीन पाया जाता है जिसके ज़्यादा सेवन से कई बार नॉज़िया, एंग्ज़ायटी, इन्सोम्निया जैसी कई दूसरी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. वहीं दूसरी तरफ चिकरी की जड़ें कैफीन फ्री होती हैं. जिसकी वजह से ये उन लोगों के लिए कॉफी का अच्छा सब्स्टीट्यूट हो सकता है जो अपनी डेली डाइट में कैफीन की मात्रा कम करना चाहते हैं.
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चिकरी की जड़ें फाइबर का अच्छा सोर्स मानी जाती हैं जो पाचन क्रिया से जुड़ी कई परेशानियों से आपको छुटकारा दिला सकती हैं. यूनाइटेड स्टेट्स के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ के अनुसार, चिकरी प्लांट की जड़ों में इन्युलिन नाम का फाइबर पाया जाता है जो एक तरीके का प्रोबायोटिक है और पेट में बैक्टीरिया की ग्रोथ के लिए फायदेमंद होता है. जिसके कारण कॉन्स्टिपेशन की परेशानी दूर करने में ये मददगार है.
क्रोनिक इन्फ्लेमेशन को कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों जैसे दिल की बीमारी, डायबिटीज़ और कैंसर का कारण भी माना जाता है. यूनाइटेड स्टेट्स के इंस्टीट्यूट ऑफ़ हेल्थ की कई स्टडीज़ में ये पाया गया है कि चिकरी की जड़ों से इस इन्फ्लेमेशन को कम किया जा सकता है.
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