किसान महापंचायत(Kisan Mahapanchayat) की ओर से जंतर-मंतर पर सत्याग्रह आयोजित किए जाने की याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ी बात कही है. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि वो इस बात पर विचार करेगा कि विरोध जताने का अधिकार (Kisan Andolan) अपने आप में एक पूर्ण यानि Absolute अधिकार है कि नहीं. इसके साथ ही किसानों की ओर से सड़क जाम किए जाने के विरोध में दायर की गई एक पीआईएल को लेकर भी कोर्ट ने किसान संगठनों से कहा कि जब किसान कृषि कानूनों की वैधता को कोर्ट में चुनौती दे रहे हैं तो सड़कों पर विरोध प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं. इस संबंध में कोर्ट ने 43 किसान संगठनों को एक नोटिस भी जारी किया.
ये नोटिस हरियाणा सरकार की उस अर्जी को लेकर जारी किया गया है, जिसमें किसान संगठनों पर सरकार की ओर से बातचीत की पहल पर नकारात्मक रवैया दिखाने का आरोप लगाया गया है. इसके साथ ही कोर्ट ने सुनवाई के दौरान लखीमपुर खीरी में हुई घटना का भी जिक्र किया.कोर्ट ने कहा कि वैसे तो प्रदर्शनकारी दावा कर रहे हैं कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण है लेकिन वे हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को पहुंचे नुकसान की जिम्मेदारी नहीं लेंगे.