Karwa Chauth 2021: सबसे पहले किसने और क्यों रखा ये व्रत? देखें करवा चौथ का इतिहास

Updated : Oct 24, 2021 00:33
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Editorji News Desk

करवाचौथ...यानी पति-पत्नी के मजबूत रिश्ते, प्यार और विश्वास का एक प्रतीक. ऐसा त्योहार जिसका सभी विवाहित स्त्रियां साल भर करती हैं बेसब्री से इंतजार.
करवाचौथ का त्योहार सुहागिन महिलाओं के लिए काफी खास होता है. इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और रात को चांद निकलने के बाद पूजा छलनी से पति का चेहरा देखकर पति के हाथ से ही खाना खाती हैं.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि करवा चौथ मनाने की परंपरा कब और कैसे शुरू हुई. क्या है इस त्योहार का इतिहास, आइए जानते है-

करवाचौथ का इतिहास
प्राचीन कथाओं के अनुसार करवा चौथ की परम्परा देवताओं के समय से चली आ रही है. बताया जाता है कि एक बार देवताओं और दानवों में युद्ध शुरू हो गया था और उस युद्ध में देवताओं की हार हो रही थी. इस हालत में देवताओं को कुछ सूझ नहीं रहा था और फिर वो अपनी इस समस्या के समाधान के लिए ब्रह्मदेव के पास गए और उनसे रक्षा की प्रार्थना की. तब ब्रह्मदेव ने कहा कि देवताओं की पत्नियों को अपने-अपने पतियों के लिए व्रत रखना चाहिए और सच्चे दिल से उनकी विजय के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.

ब्रह्मदेव ने ये वचन दिया कि ऐसा करने पर निश्चित ही इस युद्ध में देवताओं की जीत होगी. ब्रहदेव के इस सुझाव को सभी देवताओं और उनकी पत्नियों ने खुशी-खुशी स्वीकार किया. ब्रह्मदेव के कहे अनुसार कार्तिक माह की चतुर्थी के दिन सभी देवताओं की पत्नियों ने व्रत रखा और अपने पतियों यानी देवताओं की विजय के लिए प्रार्थना की. उनकी ये प्रार्थना स्वीकार हुई और युद्ध में देवताओं की जीत हुई. इस खुशखबरी को सुन कर सभी देव पत्नियों ने अपना व्रत खोला और खाना खाया. उस समय आकाश में चांद भी निकल आया था. माना जाता है कि इसी दिन से करवाचौथ के व्रत के परंपरा शुरू हुई.

मान्यता ये भी है कि श्री कृष्ण ने द्रौपदी को करवाचौथ की ये कथा सुनाते हुए कहा था कि पूर्ण श्रद्धा और विधि-पूर्वक इस व्रत को करने से समस्त दुख दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख-सौभाग्य और धन-धान्य की प्राप्ति होने लगती है.
श्री कृष्ण की आज्ञा मानकर द्रौपदी ने भी करवा-चौथ का व्रत रखा था. इस व्रत के प्रभाव से ही अर्जुन समेत पांचों पांडवों ने महाभारत के युद्ध में कौरवों की सेना को पराजित कर विजय हासिल की.

किस दिन मनाया जाता है करवाचौथ?
कार्तिक माह की चतुर्थी के दिन सुहागिन महिलाएं पूरे दिन निर्जल रहकर इस व्रत को मनाती हैं.

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Karwa Chauth 2021Karwa chauth

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