हर साल 3 जुलाई (3rd July) को विश्व प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस (International Plastic Bag free Day) मनाया जाता है. प्लास्टिक के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान (Harmful effect of Plastic) को लेकर जागरुकता (awareness) फैलाने के लिए ये दिन तो घोषित कर दिया गया है, लेकिन इससे होने वाले खतरे को लेकर लोग वाकई सजग हो रहे हैं? बड़े-बड़े बाजारों से लेकर सब्जी मंडियों में सिंगल यूज प्लास्टिक(Single Use Plastic) पर बैन के बाद भी खुलेआम सामान बेचा जा रहा है.
एक आंकड़े के मुताबिक, दुनियाभर में हर साल करीब 40 हजार करोड़ प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल होता है और आपको जानकार हैरानी होगी कि उसमें से सिर्फ एक प्रतिशत प्लास्टिक की ही रिसाइक्लिंग होती है. औसतन, प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग सिर्फ 25 मिनट के लिए किया जाता है और एक प्लास्टिक को गलने में कम से कम 100 से 500 साल लगते हैं, साथ ही, आए दिन समुद्र में बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण के कारण समुद्री जीवों की जान पर भी खतरा मंडरा रहा है और वो लुप्त होने की कगार पर हैं.
इससे होने नुकसान को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए कई संस्था, राज्य सरकार और प्रशासन की ओर से कार्यक्रम चलाए जाते हैं लेकिन ये काफी नहीं है. प्लास्टिक से मुक्ति पाने के लिए साझा जिम्मेदारी की जरूरत है, प्लास्टिक के इस्तेमाल के खिलाफ संकल्प लेने की जरूरत है.
- अगर आप सब्जी या राशन का सामान लेने जा रहे हैं तो अपने साथ घर से ही कपड़े या जूट की थैली ले जाएं
- अगर दुकानदार प्लास्टिक बैग में सामान दे रहा है तो उससे पेपर बैग में देने को कहें
- ऐसे प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल कीजिए जो डिग्रेडेबल हों
अगर प्लास्टिक प्रदूषण से पर्यावरण के साथ साथ खुद को बचाना है तो ये सुनिश्चित कीजिए कि आप प्लास्टिक थैलियों का इस्तेमाल पर रोक लगाएं और दूसरों को जागरुक करें