Polydipsia: अति किसी भी चीज़ की क्यों ना हो ख़राब ही होती है. ऐसे ही पानी पीने (Drinking Water) की अति भी सेहत (Health) पर बुरा असर डाल सकती है. अगर आप भी उन्ही में से हैं जिनको हर समय प्यास (Thirst) लगती है तो अब आपको संभल जाने की ज़रूरत है.
क्लिनिक यूनिवर्सिटीज सेंट-ल्यूक में नेफ्रोलॉजी के HOD प्रोफेसर मिशेल जैडौल ने चेतावनी दी है कि इस तरह के लक्षण पॉलीडिप्सिया और ज़्यादा गंभीर समस्याओं से जुड़े हो सकते हैं. पॉलीडिप्सिया अपने आप में बाकी स्वास्थ्य समस्याओं (Health Issues) का एक लक्षण है. यह डायबिटीज़, किडनी फेलियर और कॉन सिंड्रोम (Diabetes, Kidney Failure and Conn Syndrome) के शुरुआती लक्षणों में से एक हो सकता है.
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ज़्यादा मात्रा में शरीर से पसीना निकलने पर ज़्यादा प्यास लगती है और शरीर को रिहायड्रेट (re-hydrate) करने की ज़रूरत पड़ती है. लेकिन यह किडनी की समस्या या एंडोक्राइन ग्लैंड के ख़राब होने की वजह भी हो सकता है. साथ ही साइकाइट्रिक डिसोडर (psychiatric disorder) की दवाइयां भी मुंह को सूखा रखती हैं जिससे ज़्यादा प्यास लगती है.
जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है तब डीहाइड्रेशन होता है. मुंह सूखना, थकान होना या बेहद प्यास लगना इसके लक्षण हो सकते हैं.
एंजाइटी होने पर मुंह सूखने लगता है और मुंह का पानी शरीर के बाकी एरिया में चला जाता है जिसकी वजह से ज़्यादा प्यास लगती है.
गर्मी के मौसम मे पसीना आना और प्यास लगना आम बात है लेकिन ज़रूरत से ज़्यादा पानी पीने से ज़्यादा पसीना आता है, साथ ही डायरिया और वोमिट जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं.
दिन या रात में ज़्यादा खाना खा लेने से इनडाइजेशन हो सकता है जो ज़्यादा प्यास लगने का कारण बनता है. साथ ही ऑइली और स्पाइसी फूड भी ऐसी स्थिति पैदा कर सकते हैं.