Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी, जिसे सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है, भारत में वसंत की शुरुआत के रूप में मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है। यह हिंदू महीने माघ के पांचवें दिन (पंचमी) को पड़ता है. यह त्योहार ज्ञान, संगीत और कला की देवी, देवी सरस्वती को समर्पित है.
इस शुभ अवसर पर जितना पीले कपड़ों का महत्त्व है, इस दिन लोग पीले भोजन ग्रहण करने में भी विश्वास रखते हैं. इसमें से एक है ज़र्दा-मीठा चावल जो सबसे आम व्यंजन में से है जिसे लोग इस दिन पकाते हैं.
चावल
पीला भोजन रंग
देशी घी
5-6 इलायची
चीनी
सूखे मेवे
जर्दा चावल की रेसिपी
जर्दा चावल बनाने के लिए 1/2 किलो भीगे हुए पीले रंग के बासमती चावल को 70 प्रतिशत पक जाने तक उबालें. दूसरे पैन में 100 ग्राम देसी घी और 5-6 इलायची डालें. 1/2 किलो चीनी डालें, लगातार मिलाते रहें और 3/4 कप पानी डालते रहें ताकि चीनी घुल जाए. एक बार जब यह थोड़ा गाढ़ा हो जाए, तो इसमें पसंदीदा सूखे मेवे मिलाएं, इसके बाद पहले से उबले हुए चावल डालें। अच्छी तरह मिलाने के बाद इसे उबलने दें. इसे 20 मिनट के लिए पकने दें, और गरमा-गरमा जर्दा चावल खाने का आनंद उठाए.
इस शुभ दिन पर, लोग जल्दी उठते हैं और देवी सरस्वती की पूजा करने से पहले स्नान करते हैं. जैसा की यह वसंत का मौसम है इस खास दिन पर लोग पीले रंग के कपड़े पहनना पसंद करते हैं क्योंकि वसंत सुंदर रंगो और खिलते सरसों के खेतों का प्रतीक है. इस दिन घरों और मंदिरों को फूलों, विशेषकर गेंदे और आम के पत्तों से सजाया जाता है.
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