नेल्स एक्सटेंशन देखने में बेहद सुंदर लगते हैं. यह हाथों की खूबसूरती बढ़ाने का काम करते हैं, लेकिन इस ट्रीटमेंट के कारण नाखूनों पर बुरा असर पड़ता है. अगर आप पहली बार नेल एक्सटेंशन करवाने जा रहे हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. साथ ही, इन कारणों की वजह से बार-बार यह ट्रीटमेंट नहीं करवाना चाहिए.
नेल्स डिस्कलरेशन के कारण नाखूनों के रंग पर असर पड़ता है. इसके कारण नेल्स में डिस्कलरेशन भी होने लगता है. इसलिए बार-बार नेल डिस्कलरेशन हो सकता है.
नेल एक्सटेंशन ट्रीटमेंट में ग्लू का इस्तेमाल किया जाता है. इ ग्लू के कारण एलर्जी हो सकती है, क्योंकि इसमें केमिकल होता है. खासतौर पर अगर आपकी स्किन सेंसिटिव है, तो आपको अपने हाथ और नाखूनों का खास ध्यान रखना चाहिए.
नेल एक्टेंशन के कारण नेल्स लिफ्ट हो जाते हैं. इससे नाखूनों में एक गैप बन सकता है, जहां नमी और बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जिससे इंफेक्शन हो सकता है. इसलिए नेल्स एक्सटेंशन करवाने से पहले जरूर सोच-विचार कर लें.
नेल एक्सटेंशन में उपयोग की जाने वाली कुछ तकनीक में विशेष रूप से ऐक्रेलिक या जेल ओवरले में, नैचुरल नेल सरफेस को फाइलिंग या बफ़िंग की आवश्यकता किया जाता है, जिसके कारण समय के साथ इससे नाखून पतले हो सकते हैं.
यदि एक्सटेंशन बहुत लंबे या भारी हैं, तो इसके कारण असली नाखूनों में दर्द हो सकता है. टाइपिंग जैसे कामों के दौरान नाखूनों पर जोर पड़ता है, जिससे दर्द बढ़ सकता है.
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