Uttar Pradesh Elections: उत्तर प्रदेश चुनाव के बीच कई सवाल उछलते हैं. एक सवाल जाति फैक्टर को लेकर भी है. क्या इस बार के चुनाव में जाति फैक्टर (Caste Factor) हावी होगा? यह एक ऐसा सवाल है, जिसकी चर्चा हर तरफ है. एडिटरजी से रोहित विश्वकर्मा ने पश्चिमी यूपी की नब्ज टटोली और यह जानने की कोशिश की कि आम वोटर के मन में चल क्या रहा है.
मुजफ्फरनगर, शामली के क्षेत्र में वोटर्स का मिला जुला रुख नजर आया. कई जगह वोटर्स खुलकर कहते दिखाई दिए कि वह सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में ही वोट करेंगे. वहीं, कई जगह विरोधी सुर भी सुनाई दिए. उधर, बरेली में ज्यादातर लोगों ने जाति फैक्टर के हावी होने की आलोचना तो की लेकिन ये भी माना कि इसके बिना चुनाव हो नहीं सकता. ये पूरी रिपोर्ट आप वीडियो में देख सकते हैं.
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राज्य में में ओबीसी वोट (OBC Vote in Uttar Pradesh) का प्रतिशत 52 फीसदी है. ये ओबीसी वोट, यादव और गैर यादव में बंटा हुआ है. यादव वोट (Yadav Vote in Uttar Pradesh) 11 फ़ीसदी हैं तो गैर यादव 43 फ़ीसदी हैं. ओबीसी वोट में, यादव जाति के बाद सबसे ज्यादा संख्या कुर्मी मतदाताओं की है. इसके बाद, मौर्य और कुशवाहा व चौथे नंबर पर लोध जाति है. पिछड़ा वर्ग में पांचवीं सबसे बड़ी जाति के रूप में मल्लाह निषाद हैं. ओबीसी वोट बैंक में राजभर बिरादरी की आबादी 2 फ़ीसदी से कम है.
राज्य में दलित वोट (Dalit Vote in Uttar Pradesh) बैंक, जाटव और गैर जाटव में बटा हुआ है. दलितों में जाटव जाति की संख्या, कुल वोट का 54 फीसदी है. दलितों में 16 फीसदी पासी और 15 फीसदी बाल्मीकि जाति है. राज्य में सवर्ण मतदाता की आबादी 23 फीसदी है. इसमें सबसे ज्यादा 11 फीसदी ब्राम्हण, 8 फीसदी राजपूत और 2 फीसदी कायस्थ हैं.
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