UP Election 2022: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सहयोगी दल भी अब उनके लिए यूपी चुनाव में मुश्किल खड़े कर रहे हैं. बिहार में बीजेपी की सहयोगी (NDA Alliance) जेडीयू (JDU) और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) अब उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अकेले चुनाव लड़ने जा रही है. वीआईपी ने 30 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं जबकि जेडीयू 26 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या ये दोनों पार्टी चिराग पासवान के रास्ते पर तो आगे नहीं बढ़ रही है. क्योंकि इन दोनों पार्टियों का यहां कोई जनाधार नहीं है. लेकिन अगर इन्होंने जाति के आधार पर वोट काटे तो नुकसान बीजेपी के ओबीसी वोट बैंक का होगा.
जेडीयू उत्तर प्रदेश जिन 26 सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारने जा रही है, उनमें ज्यादातर पूर्वांचल की हैं और कुर्मी बहुल मानी जाती है. इनमें 22 सीटें ऐसी हैं जहां पर बीजेपी गठबंधन का कब्जा है. वर्तमान में 19 सीटों पर बीजेपी और 3 पर बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) के विधायक हैं.
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सिर्फ चार सीटें ऐसी हैं, जहां दूसरी पार्टियों के विधायक हैं. इनमें से 3 समाजवादी पार्टी की तो एक पर कांग्रेस का विधायक है.
वहीं मुकेश सहनी ने अब तक 30 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. उन्होंने कुल 165 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. वो खासकर पूर्वांचल और बुंदेलखंड की निषाद वोटर वाली सीटों पर ध्यान दे रहे हैं. जबकि बीजेपी ने इन्हीं वोटर्स को साधने के लिए निषाद पार्टी के साथ गठबंधन किया है.
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महत्वपूर्ण बात यह है कि जेडीयू ने बीजेपी से पहले मिलकर यूपी चुनाव लड़ने की बात कही थी, लेकिन बीजेपी ने उसे भाव नहीं दिया. जिसके बाद उसने अकेले लड़ने का ऐलान किया है.