Mizoram Results: पूर्व आईपीएस अधिकारी रहे लालदुहोमा जोरम पीपल्स मूवमेंट (जेडपीएम) की तरफ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं. साल 2019 में राजनीतिक दल के तौर पर पंजीकरण कराने वाली जेडपीएम ने मिजोरम की 40 विधानसभा सीट में से 27 पर जीत हासिल कर स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है. मिजोरम में पहले या तो कांग्रेस या मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) का शासन रहा है.
लेकिन सवाल यह है कि पूर्व कांग्रेस सांसद लालदुहोमा ने राज्य में सत्ता में आने वाले पहले क्षेत्रीय दल के नेता बनकर इतिहास कैसे रचा. लालदुहोमा ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की सुरक्षा में काम किया था और उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने के लिए आईपीएस से इस्तीफा दे दिया था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक लालदुहोमा ने मिज़ो उग्रवादी गुट के साथ शांति समझौते को अंतिम रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. लालदुहोमा को मिजोरम राज्य बनाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले व्यक्ति के रूप में श्रेय दिया जा रहा है.
1984 में लालदुहोमा ने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा सीट जीती. हालांकि, राज्य कांग्रेस नेतृत्व के साथ अनबन के कारण व्हिप का पालन न करने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया. लालदुहोमा कांग्रेस छोड़ने के बाद 1988 में दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित होने वाले पहले सांसद बने.
लालदुहोमा ZPM (कई छोटे क्षेत्रीय दलों का एक संयोजन) का नेतृत्व कर रहे थे. 2018 के विधानसभा चुनाव में लालदुहोमा ने दो सीट- सेरछिप और आइजोल पश्चिम- I से चुनाव जीता. उन्होंने सेरछिप से निवर्तमान विधायक और पांच बार के मुख्यमंत्री ललथनहवला को 410 मतों के अंतर से हराया था. 2020 में ZPM को तोड़ने के लिए तकनीकी आधार पर लालदुहोमा को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
Mizoram Assembly Election: मिजोरम में ZPM की बनेगी सरकार, जोरमथांगा ने CM पद से दिया इस्तीफा