India's Union Budget History : संसद में 1999 से पहले तक केंद्रीय बजट (Union Budget) शाम 5 बजे पेश किया जाता था लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता था? इसकी वजह भी बड़ी अनोखी है... आइए editorji हिन्दी पर जानते हैं बजट के इसे किस्से को...
1998 तक भारत के केंद्रीय बजट की घोषणा फरवरी के लास्ट वर्किंग डे, शाम 5 बजे पेश होती थी. पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने 1999 में इस परंपरा को बदल डाला और बजट को 11 बजे पेश करने की शुरुआत की. भारत में पहली बार सुबह 11 बजे बजट, 27 फरवरी 1999 को पेश हुआ था..
भारत का बजट 1860 से पेश होना शुरू हुआ... तबसे लेकर आजादी तक इसे शाम 5 बजे ही पेश किया जाता रहा. आजादी के बाद भारत ने कई नियम और कायदे ब्रिटिश दौर के ही रखे और बजट का वक्त इसमें से एक था. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि भारत GMT +5.30 टाइम जोन में था.
भारत में शाम के 5-5:30 बजने के वक्त ही ब्रिटेन में वो वक्त होता था जिस दौरान वहां सरकारी कामकाज शुरू होता था. ये सुबह 11-12 बजे के दौरान का वक्त होता था. इसी वजह से भारत का बजट ऐसे समय पेश किया जाता था, जिससे ग्रेट ब्रिटेन में बैठे अफसरों और नेताओं को सहूलियत हो.
अब क्योंकि 1998 तक बजट शाम 5 बजे पेश होता था, तो शेयर मार्केट पर इसके प्रभाव का आंकलन अगले दिन ही हो पाता था. लेकिन अब बजट के दिन ही हम शेयर मार्केट के ताजा उतार-चढ़ाव देख पाते हैं.
1999 में बदलाव के बाद अगर शनिवार को बजट की घोषणा की गई तब भी शेयर बाजार खुले रहे. उदाहरण के तौर पर, 2015 और 2020 के बजट की घोषणा शनिवार को हुई और इस दिन बाजार खुले रहे. हालांकि इन दिन आमतौर पर बाजार बंद ही रहते हैं.
बजट का वक्त बदलने का ये फैसला कई स्टेकहोल्डर्स से बातचीत के बाद लिया गया था. इनका मानना था कि सुबह 11 बजे बजट की घोषणा होने से दिनभर का वक्त नीतियों और प्रस्तावों पर बातचीत के लिए ज्यादा सही रहता है.
ये भी देखें- Interim Budget of India Before 1947 : वो बजट जिसने भारत को बांट दिया और बना दिया पाकिस्तान!