अच्छी सेहत के लिए डॉक्टर्स और डायट एक्सपर्ट्स मछली खाने की सलाह देते हैं. साल्मन मछली में सैचुरेटेड फैट कम होता है दूसरा ये प्रोटीन, विटामिन B 12, पोटैशियम, आयरन और विटामिन डी जैसे न्यूट्रिएंट्स का एक बड़ा स्रोत है.
साल्मन एक खास तरह की मछली है जो ताज़े पानी के साथ-साथ खारे पानी में भी रह सकती है. इसका उपरी स्किन सिल्वर और अंदर की स्किन नारंगी और गुलाबी रंग का होता है.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ, यूके के अनुसार, साल्मन मछली ना सिर्फ आपके दिल के लिए अच्छा है बल्कि ओवरऑल हेल्थ को बेहतर रखने में मदद करता है.
तो चलिये हम बताते हैं साल्मन मछली के हेल्थ बेनिफिट्स के बारे में, जिन्हें जानने के बाद आप फैट से भरपूर इस मछली को अपने डायट में ज़रूर शामिल करना चाहेंगे.
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दिल की बीमारी के ख़तरे को कम करता है
साल्मन ओमेगा 3 फैटी एसिड और पोटैशियम का एक समृद्ध स्रोत है. ये कॉम्बिनेशन धमनियों के सूजन को कम करने, कोलेस्ट्रॉल को कम करने और ब्लड प्रेशर के स्तर को बनाये रखने में मदद करता है. ये फ्लूइड रिटेंशन को भी कम करने करता है जो दिल के दौरे, स्ट्रोक और अरिथमिया जैसी बीमारियों के खतरों से दूर रखने में मदद करता है.
मस्कुलेर स्केलेटल सिस्टम बनाता है
साल्मन मछली में प्रोटीन प्रचूर होता है जो हड्डियों, मांसपेशियों, कार्टिलेज, स्किन औऱ ख़ून के लिए बिल्डिंग ब्लॉक का काम करते हैं. साल्मन से भरपूर डायट बोन डेनसिटी को बचाता है और स्ट्रेंथ देता है इसके साथ ही उत्तकों यानि डैमेज टिशूज़ की मरम्मत करता है.
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ब्रेन टिशू और नर्वस सिस्टम के लिए बढ़िया
साल्मन में DHA लेवल और सेलेनियम का उच्च स्तर ब्रेन फंक्शन को बेहतर बनाता है. दरअसल, साल्मन मछली का नियमित सेवन ना केवल बचपन से ही बल्कि आगे के सालों में दिमागी क्षमता को डेवलप करने में मदद करता है.
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