मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन यानी एमके स्टालिन... ये वो नाम है जो तमिलनाडु विधान सभा चुनाव में राज्य का नया स्टार साबित हुआ है. राज्य में DMK का प्रदर्शन शानदार रहा है और दस साल बाद वो सत्ता में वापसी कर रही है. पार्टी को राजगद्दी तक ले जाने में स्टालिन की बड़ी भूमिका रही है और इसके लिए वो बीते कई सालों से लगातार मेहनत कर रहे थे. उन्होंने ना केवल पहले अपने परिवार में मिली चुनौतियों पर जीत पाई बल्कि इसके बाद तमिलनाडु की जनता का भी दिल जीता. राज्य का ये पहला चुनाव था जो स्टालिन के पिता करुणानिधि और जयललिता के बिना लड़ा गया. प्रदेश में DMK के इस प्रदर्शन से स्टालिन इन दो दिग्गजों के बाद राज्य के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में स्थापित होने की राह पर हैं. करुणानिधि और जयललिता दोनों ही राजनीति के साथ फिल्मों के भी सितारे रहे थे. स्टालिन का वैसा स्तर तो नहीं रहा लेकिन हां फिल्मों से जुड़ाव उनका भी रहा है.
राजनीतिक परिवार से आने वाले स्टालिन साल 1973 से सक्रिय राजनीति का हिस्सा हैं और आपातकाल के दौरान मीसा के तहत वो जेल में भी रहे हैं. एक नजर डाल लेते हैं उनके राजनीतिक सफर पर जिसमें उनके मेयर से अब सीएम की कुर्सी तक की यात्रा शामिल है.
तमिलनाडु का नया स्टार- स्टालिन
\\\ 1973 में स्टालिन को DMK की आम समिति में चुना गया
\\\ 1976 में आपातकाल के दौरान मीसा के तहत जेल गए
\\\ 1984 में पहला विधान सभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गए
\\\ 1989 में थाउजेंड लाइट्स निर्वाचन क्षेत्र से MLA चुने गए
\\\ 1996 में चेन्नई के 37वें मेयर बने
\\\ साल 2009 में तमिलनाडु के पहले डिप्टी सीएम बने
\\\ साल 2016 से स्टालिन तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता
\\\ 3 जनवरी 2013 को करुणानिधि ने स्टालिन को उत्तराधिकारी घोषित किया
स्टालिन के नाम के पीछे भी बड़ी दिलचस्प कहानी है. 5 मार्च 1953 को रूस में जोसफ स्टालिन की मौत हुई थी.. इसी के 4 दिन पहले यानि 1 मार्च को करुणानिधि के घर एक बच्चे का जन्म हुआ था, जिसका अभी तक नाम नहीं रखा गया था. जब करुणानिधि को पता चला कि ‘स्टालिन जोसफ’ की मौत हो गई है तो उन्होंने अपने बेटे को उनका नाम ‘एम के स्टालिन’ दे दिया. रूसी भाषा में ‘स्टालिन’ का मतलब होता है ‘लौह पुरुष’ और अब तमिलनाडु के इस स्टालिन ने अपने नाम के मतलब को सही साबित कर दिखाया है