केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह (Energy Minister RK Singh) भले ही दावा कर रहे हों कि देश में बिजली संकट (power crisis) नहीं है लेकिन हकीकत इससे उलट है. देश की आर्थिक गतिविधियों का केन्द्र मुंबई और महाराष्ट्र (Maharashtra) में बिजली संकट गहराने लगा है. आलम ये है कि कोयले से राज्य में बिजली बनाने वाले 13 थर्मल पावर प्लांट बंद करने पड़े हैं. जिससे राज्य में करीब 3,330 मेगावॉट बिजली की कमी हो गई है. दरअसल महाराष्ट्र में प्रतिदिन लगभग डेढ़ लाख मेट्रिक टन कोयले की जरूरत है. लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में महल 75 हजार मैट्रिक टन ही आपूर्ति हो पा रही है.
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दरअसल राज्य में रोज 18,000 से 25,000 मेगावॉट बिजली की जरूरत होती है. फिलहाल संकट की वजह से खुले बाजार के पावर एक्सचेंज के जरिए बिजली खरीदी जा रही है. महाराष्ट्र पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ग्राहकों को 7 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली बेच रही है, लेकिन पैदा हुए संकट ने दूसरी ग्रिड से सरकार को 20 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीदने पर मजबूर कर दिया है.