साल 2018 के भीमा-कोरेगांव मामले (Bhima Koregaon case) में छत्तीसगढ़ की सोशल ऐक्टिविस्ट और वकील सुधा भारद्वाज (Sudha Bhardwaj) को जमानत मिल गई है. लेकिन, फिलहाल भारद्वाज को डिफ़ॉल्ट जमानत मिली है, यानी अभी उनकी रिहाई नहीं हो पाएगी क्योंकि जमानत की शर्तें तय नहीं हुई हैं. बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay HC) ने जमानत की शर्तें तय करने के लिए आठ दिसंबर को सुधा भारद्वाज को एनआईए की स्पेशल कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है. हालांकि, मामले में गिरफ्तार 8 अन्य आरोपियों की जमानत याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है.
ये भी पढ़ें: BJP के साथ गठबंधन पर कैप्टन अमरिंदर सिंह का संकेत- शनिवार को कर सकते हैं औपचारिक ऐलान
इससे पहले जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एनजे जमादार की खंडपीठ ने सुधा भारद्वाज की जमानत याचिका पर इसी साल 4 अगस्त को फैसला सुरक्षित रखा लिया था, जबकि बाकी 8 आरोपियों की बेल पर 1 सितंबर को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था. बता दें कि 2018 में पुणे के पास एक गांव में हिंसा भड़क गई थी, जिसमें एक की मौत और कई घायल हुए थे. इसी मामले में सुधा भारद्वाज समेत बाकी आरोपियों पर कथित तौर पर जातिगत हिंसा भड़काने की साजिश रचने का आरोप है.