Controversy over Cow: गाय को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के एक जज साहेबान की तरफ से की गई टिप्पणी इन दिनों खासी सुर्ख़ियों में है. जस्टिस शेखर कुमार यादव (Justise SK Yadav) ने बीते बुधवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि गाय ही एक ऐसा पशु है जो सांस लेने के दौरान ना केवल ऑक्सीजन ग्रहण करता है बल्कि छोड़ता भी है. अपनी बातों में उन्होंने जोड़ा कि गाय के दूध, उससे तैयार दही तथा घी, उसके मूत्र और गोबर से तैयार पंचगव्य कई असाध्य रोगों में लाभकारी है.
जज साहब का ये दावा वैज्ञानिक रूप से कितना कारगर है इस पर अभी भी शोध जारी है. हालांकि नेशनल साइंस मैगजीन के मुताबिक पेड़-पौधों को छोड़ कर बाकी सभी प्राणी सांस के जरिए ली जाने वाली ऑक्सीजन को अपनी जरूरत अनुसार ग्रहण कर बाकी बची ऑक्सीजन को दूसरी गैसों के साथ ही सांस के जरिए बाहर निकाल देते हैं. इस प्रक्रिया में कार्बन डाइऑक्साइड ज्यादा होती है और ऑक्सीजन बेहद कम और ऐसा केवल गाय तक ही सीमित नहीं है. वैज्ञानिकों के मुताबिक जो 21% ऑक्सीजन सांस के जरिए हम शरीर के अंदर लेते हैं, उसमें से 4-5% का ही मुश्किल से उपयोग होता है और बाकी दूसरी गैसों के साथ बाहर निकल आती है.
जस्टिस शेखर कुमार यादव से पहले उत्तराखंड की पशुपालन मंत्री रेखा आर्या और साल 2017 में राजस्थान सरकार में तत्कालीन शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने भी गाय के ऑक्सीजन छोड़ने का दावा किया था. उस दौरान भी ये मांग उठी थी कि सर्कार इस विषय पर प्रमाणिक शोध सामने लाए.