विख्यात मेडिकल जर्नल लैंसेट(Medical Journal Lancent) में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक इस बात के ठोस सबूत मिले हैं कि कोविड-19 में पाए जाने वाला Sars-coV02 वायरस मुख्य रूप से हवा के जरिए भी फ़ैल रहा है. वैज्ञानिकों के अनुसार संक्रमण के हवा से फैलने का मतलब है कि जब कोई संक्रमित व्यक्ति बात करता है, सांस लेता है, गाना गाता है, खांसता और छींकता है तो ऐसा कर के वो वायरस को दूसरों तक पहुंचा रहा है. वैज्ञानिकों ने अपने इस दावे के समर्थन में कई मजबूत तर्क भी पेश किए हैं और कहा कि इस बात के ठोस सबूत नहीं मिले हैं जिनसे ये साबित हो कि वायरस हवा के जरिए नहीं फैलता.
पिछले साल जुलाई में 32 देशों के लगभग 200 वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को लिखा था कि कोरोना वायरस हवाई रूप में भी संक्रमण फैलता है लेकिन कई वैज्ञानिकों का मत इस से अलग था. लेकिन इस ताजा रिपोर्ट ने पुख्ता तौर पर इसका दावा किया है कि कोरोना हवा के जरिये भी फ़ैल रहा है और ट्रांसमिशन का बूंदों के बजाय हवा के जरिए होना ज्यादा आसान है.