किसानों के आंदोलन से कथित तौर पर जुड़ी टूलकिट की दिल्ली पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, बता दें कि ये वही टूलकिट है जिसे ग्रेटा थनबर्ग ने शेयर कर ट्वीट किया था कि अगर आप किसानों की मदद करना चाहते हैं तो इस टूलकिट की मदद ले सकते हैं. दिल्ली पुलिस ने इस टूलकिट को भारत के खिलाफ आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक युद्ध का दस्तावेज बताया. लेकिन टूलकिट आखिर होती क्या है? जानने की कोशिश करते हैं
- हर आंदोलन से जुड़े लोग कुछ एक्शन पॉइंट्स तैयार करते हैं.
- यानि कुछ ऐसे बिंदू तय किए जाते हैं जो आंदोलन को आगे बढ़ाते हैं
-जिन डॉक्यूमेंट्स में ये पॉइंट्स दर्ज होते हैं, उसे टूलकिट कहा जाता है
-टूलकिट को उन लोगों के साथ शेयर किया जाता है जो आंदोलन को आगे बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं
- टूलकिट में जिक्र होता है कि कौन से नारों का इस्तेमाल किया जा सकता है
-कौन से हैशटैग या तस्वीरे सोशल मीडिया पर पोस्ट की जा सकती हैं
अब बात करते हैं उस टूलकिट की जो विवादों के घेरे में आ गई है.
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक 4 फरवरी को ग्रेटा थनबर्ग ने एक टूलकिट शेयर की
- ये टूलकिट तीन पन्ने की है
- जिसमें सबसे ऊपर लिखा है कि ये इस बात की जानकारी देती है कि लोग कैसे किसानों का समर्थन कर सकते हैं
- टूलकिट में किसानों को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया गया है
- टूलकिट में आत्महत्या करने पर मजबूर हुए किसानों का भी जिक्र है
- टूलकिट में सुझाव दिया गया है कि लोग #FarmersProtest और #StandWithFarmers हैशटैग्स का इस्तेमाल करते हुए, किसानों के समर्थन में ट्वीट कर सकते हैं
-टूलकिट में किसानों के समर्थन में कुछ ऑनलाइन पिटीशन साइन करने की अपील की गई
-इनमें से एक पिटीशन तीनों कृषि कानून वापस लेने की भी है
-लोगों से कहा गया कि वो वो संगठित होकर, 13-14 फ़रवरी को पास के भारतीय दूतावासों, मीडिया संस्थानों और सरकारी दफ़्तरों के बाहर प्रदर्शन करें
- लोगों से कहा गया कि वो अपनी तस्वीरें #FarmersProtest और #StandWithFarmers के साथ सोशल मीडिया पर डालें."
-टूलकिट में लोगों से किसानों के समर्थन में वीडियो बनाने, फ़ोटो शेयर की भी अपील की गई
- इसमें लोगों को सुझाव दिया गया है कि वो किसानों के समर्थन में जो भी पोस्ट करें, उसमें -प्रधानमंत्री कार्यालय, कृषि मंत्री और दूसरे सरकारी संस्थानों के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को टैग करें.
- दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस टूलकिट में पूरा एक्शन प्लान बताया गया है, कैसे डिजीटल स्ट्राइक करनी है और कैसे फिजिकल कार्रवाई करनी है और लगता है जो कुछ भी 26 जनवरी को हुआ वो इसी प्लान के तहत हुआ