कोरोना काल में देश की आर्थिक हालत डांवाडोल हो गई है. GDP में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई है. फाइनेंशियल ईयर 2021 की पहली तिमाही यानि अप्रैल-जून के बीच GDP ग्रोथ -23.9% रही है. आपको बता दें कि पिछली तिमाही में ये आंकड़ा 3.1% था. साल 1996 जब से ये GDP आंकड़े जारी किए जा रहे हैं ये अबतक की सबसे बड़ी गिरावट है.
सेक्टर के लिहाज से देखें तो कंस्ट्रक्शन, मैन्यूफैक्चरिंग और माइनिंग की ग्रोथ पर बहुत बुरा असर पड़ा है. कोर सेक्टर के आंकड़े भी खासा निराश करने वाले हैं. जुलाई महीने में बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में 9.6 फीसदी की गिरावट आई है, और ये लगातार पांचवां महीना है जब बुनियादी उद्योगों का उत्पादन घटा है. आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई में उर्वरक को छोड़कर अन्य 7 क्षेत्रों यानी कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, इस्पात, सीमेंट और बिजली सेक्टर के उत्पादन में गिरावट आई. साल 2019 में इन्हीं उद्योगों में 2.6 प्रतिशत प्रोडक्शन बढ़ा था. इस ऐतिहासिक गिरावट की वजह कोरोना संकट और लॉकडाउन को माना जा रहा है.